राम, इंद्रप्रस्थ और किन्नर समाज का उल्लेख रामचरित मानस में मिलता है. कहते हैं राम को 14 साल का वनवास मिला तो किन्नर ही इकलौते ऐसे थे जिन्होंने राम का सरयू के किनारे इंतजार किया था. उस वक्त सभी नर-नारी लौट गये थे लेकिन किन्नर नहीं लौटे थे. ऐसी मान्यता है कि जब राम वन जा रहे थे तो उन्होंने वहां मौजूद नर और नारियों को अयोध्या वापस लौट जाने के लिए कहा. जब राम 14 साल बाद वापस लौटे तो सभी लोग जा चुके थे लेकिन किन्नर समाज वहीं मौजूद रहकर भगवान राम का इंतजार कर रहा था. जब राम लौटे तो किन्नरों को आशीर्वाद दिया और कहा कि कलयुग में भी किन्नरों का दिया गया आशीर्वाद फलदाई होगा. शायद इसीलिए आज भी किन्नर समाज का दिया गया आशीर्वाद आम लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
दिल्ली के दो किन्नर अयोध्या बुलाए गए
राजधानी दिल्ली के किन्नर समाज के दो महंतों को भी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का निमंत्रण मिला चुका है. वह अयोध्या के लिए कूच भी कर चुके हैं. आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली से किन्नर समाज के दो महंत पूनम महंत प्रेमपुरी महाराज और डॉली सिंह श्री महंत दयालपुरी महाराज प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम के लिए अयोध्या कूच कर चुके हैं.
डॉली सिंह दक्षिणी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में श्री वेंकटेश्वरा देव ट्रस्ट की संस्थापक हैं तो पूनम श्री महंत दयालपुरी महाराज दक्षिणी काली मंदिर की महंत हैं. डॉली ने कहा कि किन्नर समाज आमंत्रित किए जाने से अति उत्साहित है जबकि पूनम मां ने कहा कि रोहिणी के इलाके में बड़ी शोभायात्रा निकाली गई. आज किन्नर उपेक्षित नही है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक पूरे देश में किन्नर समुदाय से करीब 4,88000 लोग आते हैं.
(राम किंकर की रिपोर्ट)