उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में पूर्व विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई. बेहोशी की हालत में मुख्तार को रात साढे़ 8 बजे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में ले जाया गया था. लेकिन आधे घंटे बाद डॉक्टरों ने मुख्तार अंसारी को मृत घोषित कर दिया. माफिया अंसारी को दो दिन पहले अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था. उस समय की उसकी तस्वीर सामने आई थी. उसमें वो काफी कमजोर दिखाई दे रहा था.
दुबला-पतला और कमजोर हो गया था मुख्तार-
आखिरी बार माफिया मुख्तार अंसारी की तस्वीर बांदा में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के समय ली गई थी. उस तस्वीर में मुख्तार अंसारी काफी कमजोर लग रहा था. वो दुबला-पतला और थका हुआ दिखाई दे रहा था. मुख्तार को व्हीलचेयर में अस्पताल से ले जाया गया था. मुख्तार को 26 मार्च को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था. आपको बता दें कि बांदा जेल में बंद मुख्तार को तबीयत खराब होने के बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जब उसकी तबीयत में सुधार हुआ तो 26 मार्च को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था. उस वक्त ही अस्पताल में मुख्तार अंसारी की तस्वीर ली गई थी.
26 मार्च को मुख्तार अंसारी को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. इस दौरान मुख्तार के बेटे उमर अंसारी पिता से मिलने अस्पताल पहुंचे थे. उमर ने प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पिता से मिलने नहीं दिया गया.
चिट्ठी में जहर देने का जिक्र-
21 मार्च को बाराबंकी की एमपी-एमएलए कोर्ट में 60 साल के मुख्तार अंसारी की पेशी थी. इस दौरान मुख्तार के वकील ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था. जिसमें 19 मार्च की रात को खाने में धीमा जहर देने का जिक्र किया गया था. चिट्ठी में मुख्तार ने लिखा था कि जहर की वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई है. ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा और बहुत घबराहट हो रही है.
7 साल से जेल में बंद था माफिया-
माफिया मुख्तार अंसारी पिछले 7 साल से बांदा जेल में बंद था. मुख्तार के खिलाफ 65 मुकदमे दर्ज किए गए थे. जिसमें से 21 मामलों की सुनवाई विभिन्न अदालतों में विचाराधीन है. मुख्तार अंसारी को 8 मामलों में कोर्ट से सजा मिली थी.
(बांदा से सिद्धार्थ की रिपोर्ट)
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