पश्चिम बंगाल के सबसे अहम त्योहार दुर्गा पूजा (Durga Puja 2024) का 'स्वाद' लौट आया है. बांग्लादेश सरकार ने दुर्गा पूजा के दौरान बढ़ती मांग को देखते हुए हिल्सा (Hilsa) मछली के निर्यात से बैन हटा लिया है. और भारत को 3000 टन हिल्सा भेजने का फैसला किया है.
बांग्लादेश सरकार ने 3000 टन मछली के निर्यात को मंजूरी शनिवार को दी. पड़ोसी मुल्क ने शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद इस महीने की शुरुआत में हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.
बंगाल के लिए क्यों खास है 'बांग्लादेशी' हिल्सा?
हिल्सा उर्फ इलिस (Ilish) पश्चिम बंगाल की राज्य मछली और बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली है. इसका स्वाद बंगाल में हिल्सा को बेहद पसंद किया जाता है. हिल्सा में भी पद्मा हिल्सा (Padma Hilsa) बंगाल के लोगों की दिलअज़ीज़ है. लेकिन इसके पीछे कारण क्या है?
दरअसल पद्मा हिल्सा बांग्लादेश में बहने वाली गंगा की सहायक नदी पद्मा से आने वाली हिल्सा को कहा जाता है. नदी के बीचोबीच बहने के कारण इसे 'फाइटोप्लैक्टन' और ज़ूप्लैक्टन नाम के समुद्री जीव मिलते हैं. इसी वजह से पद्मा हिल्सा में समुद्र के मुहाने से मिलने वाली हिल्सा से ज्यादा ओमेगा-3 फैट मिलता है. जो इसे ज्यादा स्वादिष्ट बना देता है.
बंगाल की संस्कृति पर पद्मा हिल्सा की छाप इतनी गहरी है कि शादियां-पार्टियां भी इसके स्वाद के बिना अधूरी रहती हैं. फिर बात जब दुर्गा पूजा की आती है तो पद्मा हिल्सा की मांग और ज्यादा बढ़ जाती है. जब करीब दो सप्ताह पहले बांग्लादेश सरकार ने हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया तो दुर्गा पूजा के दस्तरखान की रौनक जाती दिख रही थी लेकिन अब उम्मीद है कि ऐसा नहीं होगा.
पहले भी लग चुका है बैन
बांग्लादेश दुनिया की लगभग 70 प्रतिशत हिल्सा पैदा करता है. बांग्लादेश सरकार ने तीस्ता नदी जल-बंटवारा समझौते पर असहमति के कारण 2012 में भी हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बाद में भारतीय बाजारों में बढ़ती कीमत और भारत-बांग्लादेश सीमा पर होने वाली तस्करी को देखते हुए यह प्रतिबंध हटा लिया था.
प्रधानमंत्री हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार घरेलू मांग को देखते हुए हिल्सा का निर्यात नहीं करती थी. लेकिन भारत के साथ सद्भावना प्रकट करने के लिए हर साल सितंबर और अक्टूबर के बीच भारत में हिल्सा निर्यात की अनुमति दी जाती थी. पिछले साल बांग्लादेश ने दुर्गा पूजा के दौरान 79 कंपनियों को भारत में कुल 4,000 टन हिल्सा मछली निर्यात करने की अनुमति दी थी.