बेंगलुरू की एक महिला के लिए देवता बने डॉक्टर...ट्रैफिक में 3km की दौड़ लगाकर सर्जरी करने पहुंचे अस्पताल

मरीज को बचाने के लिए 45 मिनट तक दौड़ते रहे गोविंद नंदकुमार. गोविंद मणिपाल अस्पताल सरजापुर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन हैं. उस दिन उन्हें एक महिला की पित्त की थैली का ऑपरेशन करना था लेकिन रास्ते में ट्रैफिक होने की वजह से वो लेट हो रहे थे.

Govind NandKumar
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST
  • कार छोड़ दौड़े गोविंद
  • 1 हजार ऑपरेशन कर चुके हैं डॉक्टर

बेंगलुरू में ट्रैफिक इन दिनों आम समस्या बना हुआ है. सभी लोग आए दिन बाहर निकलने पर इसका सामना जरूर करते हैं. सोचिए कि ऐसी स्थिति में अगर किसी को इमरजेंसी की जरूरत पड़ जाए तो क्या होगा. अगर हम कहें कि भारी ट्रैफिक में कोई  और नहीं बल्कि डॉक्टर आपके लिए देव बनकर आए तो शायद आपको थोड़ा आश्चर्य हो. लेकिन बेंगलुरु में हाल ही में ऐसा एक वाक्या हुआ.

कार छोड़ दौड़े गोविंद
यहां गोविंद नंदकुमार नाम के एक डॉक्टर ने मरीज की जान बचाने के लिए 3 किलोमीटर की दौड़ लगा दी. गोविंद को अपने एक मरीज की सर्जरी के लिए पहुंचना था लेकिन उनकी कार हैवी ट्रैफिक में फंस गई. गोविंद मणिपाल अस्पताल सरजापुर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन हैं. हालांकि मामला थोड़ा पुराना है. 30 अगस्त को डॉक्टर को 10 बजे एक महिला पर की आपातकालीन लैप्रोस्कोपिक पित्ताशय की थैली की सर्जरी करनी थी. लेकिन वह सरजापुर-मराठल्ली खंड में ट्रैफिक में बुरी तरह फंस गए. कुछ समय तक तो उन्होंने ट्रैफिक खुलने का इंतजार किया आखिरकार मरीज के बारे में सोचकर उनसे इंतजार नहीं हुआ. उन्होंने अपनी कार छोड़ दी और समय पर पहुंचने के लिए ट्रैफिक के बीच ही दौड़ लगाने लगे. 

डॉ गोविंद नंदकुमार ने कहा, "मैं हर दिन सेंट्रल बैंगलोर से मणिपाल अस्पताल, सरजापुर, जो बैंगलोर के दक्षिणपूर्व में है के लिए यात्रा करता हूं. मैं सर्जरी के लिए घर से टाइम पर निकला था, मेरी टीम भी पूरी तरह से तैयार थी. लेकिन भारी ट्रैफिक को देखते हुए, मैंने ड्राइवर के साथ कार छोड़ने का फैसला किया और बिना सोचे-समझे अस्पताल की ओर दौड़ लगा दी.”

1 हजार ऑपरेशन कर चुके हैं डॉक्टर
डॉक्टर ने बताया कि उन्हें कनिंघम रोड से सरजापुर के मणिपाल अस्पताल पहुंचना था. भारी बारिश और जलभराव के कारण, अस्पताल से कुछ किलोमीटर आगे भारी ट्रैफिक जाम लगा हुआ था. ट्रैफिक कम होने का कोई अंदाजा न मिलने पर वह अपनी कार से बाहर निकले और अपने मरीज को बचाने के लिए 45 मिनट तक दौड़ते रहे. उनके मरीजों को सर्जरी खत्म होने तक खाना खाने की मंजूरी नहीं थी, ऐसे में डॉक्टर गोविंद उन्हें ज्यादा इंतजार नहीं कराना चाहते थे. बता दें कि पिछले 18 वर्षों से गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन डॉ. गोविंद नंदकुमार मणिपाल अस्पताल का हिस्सा हैं. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण सर्जरी की हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह अब तक 1,000 से अधिक सफल ऑपरेशन कर चुके हैं.

अस्पताल में रोजाना आते हैं 40 लाख मरीज
वहीं स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी, मणिपाल अस्पताल भारत में शीर्ष स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में से एक है. अस्पताल में सालाना 40 लाख मरीज आते हैं. अस्पताल का फोकस अपने मल्टीस्पेशलिटी और टरशियरी केयर डिलिवरी स्पेक्ट्रम के माध्यम से एक किफायती, उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल ढांचा विकसित करना है और इसे अस्पताल से बाहर देखभाल तक विस्तारित करना है. कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड और विक्रम हॉस्पिटल (बेंगलुरु) प्राइवेट लिमिटेड में 100% शेयरहोल्डिंग के अधिग्रहण के पूरा होने के साथ एकीकृत नेटवर्क में आज 7,600+ बेड और एक प्रतिभाशाली पूल के साथ 15 शहरों में 27 अस्पतालों के साथ 4,000 डॉक्टरों की संख्या और 11,000 से अधिक कर्मचारियों की संख्या है. 

 

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