Bhupendra Chaudhary को बनाया गया UP BJP का President, जानिए इनके बारे में

जाट बिरादरी से आने वाले Bhupendra Singh Chaudhary मुरादाबाद के रहने वाले हैं और इस समुदाय में उनकी गहरी पैठ मानी जाती है. भूपेंद्र चौधरी को UP के CM Yogi Adityanath और RSS का करीबी भी माना जाता है.

Bhupendra Singh Chaudhary (Photo/Twitter)
शशिकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST
  • मुरादाबाद के रहने वाले हैं भूपेंद्र सिंह चौधरी
  • योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री हैं चौधरी

मिशन 2024 के लिए उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने बड़ा दाव खेला है. बीजेपी ने जाट नेता भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) को उत्तर प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया है. भूपेंद्र सिंह चौधरी योगी आदित्यनाथ सरकार में पंचायती राज मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. चलिए आपके सामने जाट खानदान में पैदा हुए इस जमीनी नेता की जिंदगी के पन्ने खोलते हैं.

भूपेंद्र सिंह चौधरी का बचपन-
भूपेंद्र सिंह चौधरी का जन्म साल 1966 में मुरादाबाद के महेंद्री सिकंदरपुर गांव में हुआ था. परिवार खेती-किसानी करता था. लिहाजा भूपेंद्र सिंह की परवरिश भी गांव मे ही हुई. गांव के प्राइमरी स्कूल में उनका दाखिला हुआ. इसके बाद भूपेंद्र चौधरी ने 12वीं तक की पढ़ाई के लिए मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज को चुना. 

भूपेंद्र की सियासी पारी-
भूपेंद्र चौधरी छात्र जीवन से ही विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे. साल 1991 में उन्होंने सियासत में इंट्री ली. भूपेंद्र चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. साल 1993 में चौधरी को बीजेपी की जिला कार्यकारिणी में शामिल किया गया. साल 1995 में उनको पार्टी का जिला महामंत्री बनाया गया. साल 1996 से 2000 तक बीजेपी के जिलाध्यक्ष भी रहे. इसके बाद मुरादाबाद का क्षेत्रीय मंत्री बनाया गया. बीजेपी ने उनको साल 2009 में मुरादाबाद पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया. लेकिन वो जीत हासिल नहीं कर पाए. हालांकि इसके बाद उनकी सियासी रफ्तार लगातार तेज होती गई. साल 2012 में उनको पार्टी का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया. साल 2016 में भूपेंद्र सिंह चौधरी को विधान परिषद का सदस्य बना गया. साल 2017 में जब यूपी में बीजेपी की सरकार बनी तो उनको मंत्री पद दिया गया. उनको पंचायती राज का राज्य मंत्री बनाया गया. साल 2022 में उनको दोबारा एमएलसी बनाया गया. साल 2010 से 2018 के बीच चार बार क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे. 

मुलायम सिंह के खिलाफ उतरे मैदान में-
भूपेंद्र सिंह चौधरी मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं. ये कहानी साल 1999 की है, जब संभल से मुलायम सिंह ने लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा भरा था. बीजेपी ने इस समाजवादी नेता के खिलाफ उम्मीदवार की तलाश शुरू की. पार्टी की तलाश भूपेंद्र सिंह चौधरी पर जाकर रुक गई. बीजेपी ने भूपेंद्र सिंह चौधरी को संभल से मैदान में उतार दिया. लेकिन भूपेंद्र चौधरी को मुलायम सिंह यादव ने हरा दिया.

जाट वोट बैंक को साधने का प्लान-
भूपेंद्र सिंह चौधरी को जाटों का बड़ा नेता माना जाता है. जाट बिरादरी से आने की वजह से उनकी इसमें गहरी पैठ है. पश्चिम यूपी की डेढ़ दर्जन सीटों पर जाटों का गहरा असर है. भूपेंद्र चौधरी इसी इलाके से आते हैं. इसलिए उनकी पैठ का पार्टी को फायदा मिल सकता है. जाट नेता को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का करीबी भी माना जाता है. भूपेंद्र चौधरी की बदौलत बीजेपी जाटों और किसानों को साध सकती है.

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