Ballistic Missile Agni Prime: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ी कामयाबी, नई जनरेशन की बैलिस्टिक मिसाइल का एक और परीक्षण रहा सफल

Agni Prime Flight Test: अग्नि प्राइम मिसाइल के तीन सफल परीक्षणों के बाद ये पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था. इस सफल परीक्षण से आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और बड़ी कामयाबी भारत के हाथ लगी है.

Ballistic Missile Agni Prime
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2023,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST
  • रक्षा मंत्री ने दी बधाई 
  • ये पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था

'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा देश लगातार आगे बढ़ रहा है. अब भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. नई जनरेशन की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का एक और परीक्षण सफल रहा है. मिसाइल ने बड़ी आसानी से अपने टारगेट को तबाह कर दिया. जैसा सोचा गया है ठीक ऐसे ही ये बैलिस्टिक मिसाइल सभी पैमानों पर खरी उतरी है. डीआरडीओ ने बुधवार को ओडिशा तट से इस नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का फ्लाइट टेस्ट किया था. 

शाम 7:30 बजे हुआ फ्लाइट टेस्ट 

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट से डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से अपनी नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया. शाम 7:30 बजे सफलतापूर्वक अग्नि प्राइम मिसाइल को लॉन्च किया गया था. ये टेस्ट तो पूरी तरह से सफल रहा है इसके साथ अग्नि प्राइम मिसाइल ने भी काफी शानदार प्रदर्शन किया.  

अग्नि प्राइम

ये पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था

डीआरडीओ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि अग्नि प्राइम मिसाइल के तीन सफल परीक्षणों के बाद ये पहला प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च था, जो सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता पर खरा उतरा.  इसके रूट और प्रदर्शन की देखरेख आसानी की जा सके इसके लिए विशेष प्रबंधन किए गए थे. अग्नि प्राइम के लिए जगह-जगह पर रडार, जहाज, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम समेत कई हाईटेक उपकरण तैनात किए गए थे. 

एडवांस नेविगेशन सिस्टम से लैस 

इस मिसाइल की मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर तक है. इसके अलावा इसमें नया प्रोपल्शन सिस्टम, गाइडेंस सिस्टम और एडवांस नेविगेशन सिस्टम है. गौरतलब है कि यह देश की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की तरह 5,000 किमी से ज्यादा लंबी अग्नि-V की तरह एक कैनिस्टर-लॉन्च सिस्टम भी है, जो अब SFC में शामिल किए जाने की प्रक्रिया में है.

देश को मिलेगी मजबूती 

रिपोर्टस के मुताबिक, अग्नि-प्राइम धीरे-धीरे SFC के आर्सेनल में अग्नि-I (700 किमी) मिसाइलों की जगह लेगा, जिसमें पृथ्वी-II (350 किमी), अग्नि-II (2,000 किमी), अग्नि-III (3,000 किमी) और अग्नि-4 (4,000 किमी) बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल हैं. इतना ही नहीं बल्कि अग्नि-5 के साथ जब अग्नि प्राइम को लाया जाएगा तो ये भारत को चीन और पाकिस्तान दोनों के खिलाफ मजबूती देंगी.  

रक्षा मंत्री ने दी बधाई 

अग्नि प्राइम मिसाइल के इस फ्लाइट टेस्ट ने सेना में अपने जाने के लिए रास्ते खोल दिए हैं. बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण डीआरडीओ और सामरिक बल कमान के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया था. डीआरडीओ की सफलता पर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को सफलता के साथ-साथ अग्नि प्राइम मिसाइल की कॉपी-बुक प्रदर्शन के लिए बधाई दी है. डीआरडीओ के सचिव और अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने भी इस फ्लाइट टेस्ट की सफलता पर टीम की सराहना की है.

 

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