बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के सोहागपुर गांव में पहली बार किसी युवक को सरकारी नौकरी मिली है. जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी खुशी है. आजादी के 74 साल पूरे होने पर भी पूरे गांव में किसी को सरकारी नौकरी नही मिल पाई थी. पर गांव के ही युवक राकेश कुमार ने इस मिथक को तोड़ कर बन गए हैं सरकारी शिक्षक.
राकेश ने गांव में शिक्षा-दीक्षा के बाद एमकॉम की पढ़ाई दरभंगा यूनिवर्सिटी से की और उसके बाद राजस्थान से B.Ed की परीक्षा पास की. इसके बाद बिहार में शिक्षक पात्रता परीक्षा हुई और इसमें वह सफलता हासिल कर अपने मुकाम तक पहुंच गया.
75 साल में पहली सरकारी नौकरी
राकेश को क्षेत्र के एक मुख्य विद्यालय में शिक्षक के रूप में नियुक्ति मिली है. राकेश का कहना है कि उनके गांव से कोई भी 75 साल तक सरकारी नौकरी नहीं ले पाया. वह पहले हैं ऐसा करने वाले. उनकी नौकरी की खुशी के उत्सव में ग्रामीणों ने मिठाई बांटी, एक-दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाया.
हालांकि, राकेश का सफर मुश्किल था. 19 साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. उन्होंने स्थानीय बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. उनकी मदद करने वाला कोई नहीं था. उनका एकमात्र सपना सरकारी नौकरी पाने का था, जो अब पूरा हो गया है. अब गांव के युवाओं और बच्चों को राकेश से सीख लेनी चाहिए. अगर सच्ची लगन और निष्ठा से बच्चे लगे रहें तो उनका मुकाम उनके झोली में अपने आप आ जाता है और इसका जीता जागता उदाहरण राकेश है.
(मणि अनुभव शर्मा की रिपोर्ट)