Bihar Politics: बिहार (Bihar) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार का कैबिनेट विस्तार बुधवार को हुआ. इसमें सात विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई और उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया. इस कैबिनेट विस्तार में एक खास बात देखने को मिली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) से किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया. सातों विधायक जो मंत्री बने हैं, वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से हैं.
इस कैबिनेट विस्तार को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसी साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको देखते हुए नीतीश मंत्रिपरिषद के विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने की कोशिश की गई है. दरभंगा जिले से दो मंत्री बनाए गए हैं. तिरहुत प्रमंडल से भी दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है. पटना, पूर्णिया और सारण प्रमंडल से एक-एक मंत्री को नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है.
इनको मिली नीतीश कैबिनेट में जगह
नीतीश कैबिनेट में जो सात नए मंत्री बनाए गए हैं, उनमें दरभंगा जिले की जाले सीट से विधायक जीवेश मिश्रा और दरभंगा जिले की ही दरभंगा सीट से विधायक संजय सरावगी, अररिया जिले की सकटी विधानसभा सीट से विधायक विजय कुमार मंडल, सीतामढ़ी जिले की रीगा सीट से विधायक मोतीलाल प्रसाद, मुजफ्फरपुर जिले की साहेबगंज से विधायक राजू कुमार सिंह, सारण जिले की अमनौर सीट से विधायक कृष्ण कुमार मंटू और नालंदा जिले की बिहारशरीफ सीट से विधायक डॉ. सुनील कुमार शामिल हैं.
यह विस्तार बीजेपी की प्लानिंग का हिस्सा
इस कैबिनेट विस्तार से नीतीश मंत्रिमंडल में भाजपा कोटे के मंत्रियों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है. नीतीश कैबिनेट का विस्तार करना भारतीय जनता पार्टी की प्लानिंग का हिस्सा है. इसके जरिए जहां भाजपा ने अपने कोर वोटर्स अगड़ी जातियों में राजपूत और भूमिहार को साधने की कोशिश की है, वहीं नीतीश कुमार के कोर वोटर लव-कुश यानी कोयरी और कुर्मी वोटों पर बड़ा दांव खेला है. बीजेपी ने दलित और वैश्य वोटरों पर इस विस्तार से अपनी पकड़ और मजबूत की है.
बीजेपी ने ऐसे साधा जातीय और क्षेत्रीय समीकरण
बीजेपी ने इस बार नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार में राजपूत, भूमिहार, वैश्य, लव-कुश और दलित समुदायों पर दांव खेला है.जिन सातों मंत्रियों को शपथ दिलाई गई उनके जरिए इन जातियों को साधने की कोशिश की गई है. एक राजपूत, एक भूमिहार, एक कुर्मी, एक केवट, एक कुशवाह, एक तेली और एक मारवाड़ी को मंत्री बनाया गया है. मंत्री बनाए गए विधायकों में राजपूत जाति के राजू सिंह, भूमिहार जाति के जीवेश मिश्रा, मारवाड़ी समाज के संजय सारावगी, कुर्मी जाति के कृष्ण कुमार मंटू, केवट जाति के विजय मंडल, कुशवाहा जाति के सुनील कुमार और तेली जाति के मोतीलाल प्रसाद शामिल हैं.
कुल बनाए जा सकते हैं इतने मंत्री
आपको मालूम हो कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. इस तरह से कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. इस विस्तार से पहले नीतीश कैबिनेट में सीएम नीतीश कुमार सहित कुल 30 मंत्री थे. लेकिन बीजेपी कोटे से मंत्री बने दिलीप जायसवाल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या घटकर 29 हो गई. अब 7 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद नीतीश कैबिनेट में अधिकतम बनाए जा सकने वाले मंत्रियों का कोटा 36 फुल हो गया है.
इस कैबिनेट विस्तार से पहले बीजेपी कोटे से दो उपमुख्यमंत्री समेत कुल 15 मंत्री थे. दिलीप जयसवाल के इस्तीफा देने के बाद 14 मंत्री बचे थे. अब सात मंत्रियों के शपथ लेने के बाद बिहार में बीजेपी कोटे से कुल 21 मंत्री हो गए हैं. आपको मालूम हो कि नए मंत्रियों में डॉ.सुनील कुमार सबसे अमीर हैं. उनके पास कुल 11.35 करोड़ की संपत्ति है. सबसे कम संपत्ति मोतीलाल प्रसाद के पास है. बुधवार को शपथ लेने वाले सातों मंत्री दागी हैं. सातों मंत्रियों ने 2020 के चुनावी हलफनामे में अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है.