Biogas Plant: देश के 52 शहरी क्षेत्रों में बनाए जाएंगे बायोगैस प्लांट, गीले कचरे का होगा उपयोग, कूड़े का नहीं दिखेगा पहाड़, बिजली की समस्या होगी दूर

केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में बायोगैस प्लांट लगाने की मंजूरी दी है. इन प्लांट्स की मदद से गीले कचरे को बायोगैस में तब्दील किया जाएगा. बायोगैस प्लांट तैयार होने से शहरों में कचरा प्रबंधन को एक नई राह मिलेगी.

Biogas Plant (symbolic photo)
नीतू झा
  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:33 PM IST
  • वित्त मंत्री ने की थी बायोगैस प्लांट लगाने की घोषणा 
  • सबसे ज्यादा पंजाब में लगाए जाएंगे बायोगैस प्लांट

गार्बेज डिस्पोजल आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है. रोजाना देश के बड़े शहरों से हजारों टन गार्बेज निकलता है. इससे न सिर्फ प्रदूषण बढ़ता जा रहा है बल्कि जगह-जगह कूड़े के पहाड़ भी नजर आने लगे हैं. इस समस्या के निदान के लिए कचरे का इस्तेमाल कई जगहों पर बिजली बनाने के लिए किया जाने लगा है. इस कड़ी में अब केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में बायोगैस प्लांट लगाने की मंजूरी दी है. 

पूरे देश में 500 बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे
एक प्रस्ताव के तहत 52 शहरी क्षेत्रों में बायोगैस प्लांट को मंजूरी दी गई है. इन प्लांट्स की मदद से गीले कचरे को बायोगैस में तब्दील किया जाएगा. बायोगैस प्लांट तैयार होने से शहरों में कचरा प्रबंधन को एक नई राह मिल सकेगी. बायोगैस प्लांट लगाने की घोषणा वित्त मंत्री ने 2023 के बजट में की थी. इसमें यह साफ किया गया था कि देश भर में 500 बायोगैस प्लांट लगाए जाएंगे. 

दिल्ली के ओखला में एक बायोगैस प्लांट बनाया जाएगा
फिलहाल कई राज्यों के अलग-अलग शहरों का चयन किया गया है. जिसमें से सबसे ज्यादा शहर पंजाब राज्य के हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, प्रयागराज के साथ बाकी कई शहरों में ये प्लांट लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है. मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, असम सहित दिल्ली के ओखला में भी एक बायोगैस प्लांट बनाया जाएगा.

गीला कचरा बनेगा आय का स्रोत
गीले कचरे से बायो गैस बनाने से न सिर्फ कचरे का निस्तारण होगा बल्कि ये आय का भी स्रोत भी बन सकेगा. इस बारे में गुड न्यूज टुडे से बात करते हुए वातावरण मुद्दों के जानकार दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बीडबल्यू पांडे ने बताया कि आज देश में कचरे से ऊर्जा बनाने की पहल ने कचरे को आय का स्रोत बना दिया है. अब हर शहर में इस तरह के प्लांट लगने से स्थानीय इलाकों में बिजली की समस्या से भी निपटा जा सकेगा. गिले कचरे के परिवहन को लेकर होने वाली परेशानी पर प्रोफेसर ने बताया कि सरकार की इस पहल को काफी स्थानीय रखा गया है. इस वजह से गिले कचरे का परिवहन आसान रहेगा इसलिए इसे क्षेत्रीय स्तर पर भी बायोगैस में तब्दील किया जा सकेगा.

 

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