बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा (BJP spokesperson Nupur Sharma) को प्राथमिक सदस्यता से सस्पेंड कर दिया गया है. दरअसल, उनके विवादित बयान के बाद कानपुर में हिंसा भड़क (Kanpur Voilence) गई थी. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला किया. नूपुर ने अपना राजनीतिक सफर एबीवीपी (ABVP) से शुरू किया है. वह केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं.
बताते चलें कि नूपुर शर्मा बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. वह पहली बार सुर्खियों में तब आईं जब उन्होंने 2015 में केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. वह बीजेपी दिल्ली की प्रदेश कार्यकारिणी समिती की सदस्य हैं. इतना ही नहीं वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
कैसे शुरू हुआ था नूपुर का राजनीतिक सफर
नूपुर शर्मा 2008 में ABVP की ओर से छात्रसंघ चुनाव जीतने वाली इकलौती उम्मीदवार थीं. इसके बाद वह साल 2010 में सीधा बीजेपी के युवा मोर्चा के साथ काम करने लगीं और काफी एक्टिव हो गईं. लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा तब जाना जाने लगा जब उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ा था.
पेशे से वकील भी हैं नूपुर शर्मा
बता दें कि, नूपुर शर्मा एक नेता होने के साथ ही पेशे से वकील भी हैं. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की है. इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने बर्लिन चली गई थीं.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, नूपुर शर्मा ने एक डिबेट प्रोग्राम के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. उनपरआरोप है कि उनके इसी बयान के बाद कानपुर में हिंसा भड़की. हालांकि, इसमें और भी कई लोगों का नाम सामने आ रहा है.
किस बयान पर भड़की हिंसा
नूपुर को अक्सर डिबेट के लिए टीवी चैनलों पर बुलाया जाता है. न्यूज चैनल पर दिए गए जिस बयान पर यह हिंसा भड़की थी उसमें उन्होंने कहा था, “कुछ लोग हिंदू आस्था का मजाक उड़ा रहे हैं. अगर यही है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ाने में पीछे नहीं रहेंगी" उन्होंने इस दौरान इस्लामी मान्यताओं का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पैगंबर मोहम्मद साहब का भी नाम लिया था.
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