फिर Bomb Threat से कैंसिल हुई फ्लाइट…. क्या पैसेंजर को मिलेगा रिफंड? क्या हैं एयरलाइन के नियम? 

बम धमकियां न केवल एविएशन सेफ्टी के लिए बल्कि यात्रियों और एयरलाइनों के लिए भी एक गंभीर समस्या है. हालांकि भारत में ऐसे मामलों में यात्रियों के लिए किसी तरह का कोई मुआवजा नहीं होता है. लेकिन एयरलाइंस पर निर्भर करता है कि वे यात्रियों को रीबुकिंग और रिफंड जैसी कुछ सहूलियतें देना चाहते हैं या नहीं.

Bomb Threat and refund policy
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST
  • शांत रहें और निर्देशों का पालन करें
  • एयरलाइन से बात करें 

पिछले कुछ दिनों में, बम धमकियों के कारण दस से ज्यादा फ्लाइट्स को डाइवर्ट करना पड़ा है, जिससे न केवल एयरलाइनों बल्कि यात्रियों, एयरपोर्ट्स, सिक्योरिटी एजेंसियों और सरकारों के लिए भी समस्याएं खड़ी हुई हैं. कुछ दिन पहले बोइंग 777 को कनाडा के इक्वलिट एयरपोर्ट पर लैंड करवाना पड़ा, वहीं एक एयरक्राफ्ट को सिंगापुर के पास फाइटर जेट द्वारा एस्कॉर्ट करना पड़ा. 

इनके बाद से ही एविएशन सेफ्टी और ऐसे खतरों से निपटने के प्रोटोकॉल के बारे में गंभीर चिंता खड़ी हो गई है. ऐसे में यात्रियों के मन में रिफंड या रीबुकिंग को लेकर सवाल खड़ा हो सकता है. 

एयरोप्लेन और फोर्स मेज्योर क्या है?
दरअसल, एविएशन इंडस्ट्री में एक फोर्स मेज्योर का कांसेप्ट होता है. ये फ्रांसीसी लॉ से आया है. इसमें प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, राजनीतिक अशांति, महामारी और सेफ्टी से जुड़े खतरे, जैसे कि बम धमकियां आदि शामिल हैं. 

जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो एयरलाइंस अपनी देनदारी यानि लायबिलिटी को लिमिट करने के लिए फोर्स मेज्योर का हवाला दे सकती हैं, यह तर्क देते हुए कि यह घटना उनके कंट्रोल से बाहर थी.

बम धमकी फोर्स मेज्योर की कैटेगरी में आती है क्योंकि यह एक ऐसी परिस्थिति है जो एयरलाइन के कंट्रोल से बाहर है. बम धमकी का सामना करते समय, एयरलाइंस को फ्लाइट मोड़नी या लैंड करवानी पड़ सकती है. ये चीजें लोगों के प्लान्स में परेशानी खड़ी कर सकती हैं. लेकिन चूंकि ये उनकी सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम है, इसलिए इसके लिए एयरलाइन जिम्मेदार नहीं है. 

बम धमकी के मामले में यात्रियों के क्या अधिकार हैं?
अगर किसी फ्लाइट को बम धमकी मिलती है, तो यात्रियों के अधिकार देश के नियमों, एयरलाइन पॉलिसी और घटना की गंभीरता के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है. हालांकि, इसमें भी कुछ नियम हैं:

1. एयरलाइन की प्राथमिक जिम्मेदारी यात्रियों और क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. बम धमकी के मामले में, यह अधिकार सबसे पहले आता है. यात्रियों को फ्लाइट से निकाला जा सकता है, उन्हें अलग से सिक्योरिटी दी जा सकती है, उनकी जांच हो सकती है या फिर उनकी फ्लाइट में भी देरी हो सकती है. यहां तक कि कैंसिल भी की जा सकती है. 

2. यात्री में देरी होने वाली है, फ्लाइट को मोड़ना है या धमकी के जवाब में उठाए गए दूसरे कदमों के बारे में यात्री को बताया जाना चाहिए. जबकि एयरलाइन सेफ्टी कारणों से सभी बातों का खुलासा नहीं कर सकती है, लेकिन यात्रियों को बेसिक जानकारी दी जानी चाहिए. 

3. अगर बम धमकी के कारण फ्लाइट कैंसिल हो जाती है, तो यात्रियों को अगली फ्लाइट में रीबुकिंग या पूरे रिफंड का अधिकार होता है. हालांकि, अगर धमकी के कारण फ्लाइट केवल देर हो रही है, तो एयरलाइंस अपनी पॉलिसी के हिसाब से वाउचर या डिस्काउंट दे सकती है. लेकिन एयरलाइन इन सभी के लिए बाध्य नहीं है.

4. जबकि फोर्स मेज्योर घटनाओं में एयरलाइंस लोगों को पैसे देने या फाइनेंशियल मदद करने के लिए बाध्य नहीं है. लेकिन ये एयरलाइन पर निर्भर करता है कि वे अलग से कोई सुविधा जैसे- अलग से फूड पैकेट्स, ट्रांसपोर्टेशन लागत उठा सकती है. हालांकि, बम धमकी के कारण हुई परेशानी या असुविधा के लिए अलग से मुआवजा अनिवार्य नहीं है.

बम धमकी की स्थिति में यात्री के रूप में कैसे निपटें
बम धमकी का सामना करना यात्रियों के लिए काफी तनावपूर्ण अनुभव हो सकता है. ऐसे में आप कुछ कदम उठा सकते हैं:

1. शांत रहें और निर्देशों का पालन करें  
अगर एयरलाइन या एयरपोर्ट अधिकारियों ने बम धमकी की घोषणा की है, तो शांत और संयमित रहें. केबिन क्रू या एयरपोर्ट स्टाफ द्वारा दिए गए निर्देशों को ध्यान से सुनें और उनका तुरंत पालन करें. 

2. जरूरी डॉक्यूमेंट्स और सामान तैयार रखें  
यात्री यह सुनिश्चित करें कि उनके पास पासपोर्ट, आइडेंटिटी कार्ड और बोर्डिंग पास जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स आसानी से उपलब्ध हों.

3. एयरलाइन से बात करें 
अगर बम धमकी के कारण फ्लाइट देरी से चल रही है या कैंसिल हो गई है, तो रीबुकिंग, रिफंड, या मुआवजा को लेकर नियमों के बारे में जानने के लिए एयरलाइन के हेल्पलाइन सर्विस पर फोन करें.

 

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