Kolkata History: आज ही के दिन हुई थी Calcutta की स्थापना, जानिए कलकत्ता कैसे बना कोलकाता

कारखाना स्थापित करने के लिए भारत आए जॉब चारनॉक (Job Charnock) को कलकत्ता शहर (Calcutta) का संस्थापक माना जाता है. जॉब चारनॉक ने 24 अगस्त 1686 को कलकत्ता की स्थापना की थी. साल 2003 तक 24 अगस्त को कोलकाता (Kolkata) का जन्मदिन मनाया जाता था.

Kolkata History (Photo Credit: Getty Images)
ऋषभ देव
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST

Calcutta or Kolkata: कोलकाता (Kolkata) भारत के सबसे बड़े शहरों में से एक है. कोलकाता का पुराना नाम कलकत्ता (Calcutta) है. कोलकाता के बारे में कहा जाता है कि ये शहर हर व्यक्ति को अपनाता है. कोलकाता में खुशी, शांति और सुकून है.

कोलकाता शहर को सिटी ऑफ जॉय के नाम से भी जाना जाता है. कोलकाता यानी कलकत्ता पहले भारत की राजधानी हुआ करता था. कहा जाता है कि ये शहर कभी गांव हुआ करता था. आज ही के दिन 24 अगस्त 1686 को कलकत्ता की स्थापना हुई थी. आइए जानते हैं कि छोटा-सा गांव भारत का सबसे बड़े शहरों में से एक कोलकाता कैसे बन गया?

कलकत्ता की स्थापना
कलकत्ता शहर हुगली (Hooghly Kolkata) नदी के तट पर स्थित है. कलकत्ता का बंगाली नाम कलिकाता है जिसका अर्थ है, काली का मैदान. 16वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक अंग्रेज जॉब चारनॉक को सुतनुती गांव भेजा.

जॉब चारनॉक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर आए थे. जॉब चारनॉक को कलकत्ता शहर का संस्थापक माना जाता है. इस शहर में उस समय तीन गांव शामिल थे, सुतनुती, कालीकट और गोविंदपुर. हालांकि मुगल बादशाह के राजस्व खाते में और बंगाली कवि बिप्रदास के मनसामंगल में कोलिकाता का जिक्र है. 

अंग्रेजों के बीच कलकत्ता
साल 1756 में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला (Nawab Sirajuddaula) ने कलकत्ता पर कब्जा कर लिया. बाद में 1757 में प्लासी की जंग (Plasi War) में रॉबर्ट क्लाइव ने कलकत्ता पर दोबारा कब्जा कर लिया.

साल 1772 में वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) गवर्नर जनरल थे. 1772 में कलकत्ता को भारत की राजधानी बना दिया. वॉरेन हेस्टिंग्स ने सभी महत्वपूर्ण दफ्तरों को कलकत्ता में स्थापित करवाया. साल 1774 में कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना हुई.

बंगाल का विभाजन
साल 1905 तक भारत में आजादी की बिगुल बज चुका था. राजनीतिक और हथियार के बल पर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई जारी थी. ब्रिटिश भारत के वॉयसराय लॉर्ड कर्जन ने कड़े विरोध के बावजूद 1905 में बंगाल का विभाजन (Partition of Bengal 1905) कर दिया.

कैसे बना कोलकाता?
साल 1911 में भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली कर दी गई. साल 1947 में भारत को आजादी मिली. कलकत्ता को पश्चिम बंगाल की राजधानी बनाया गया. आजादी के कई साल तक इस शहर को कलकत्ता ही कहा जाता रहा.

साल 2000 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने आधिकारिक तौर पर कलकत्ता का नाम बदलकर कोलकाता कर दिया. बांग्ला लेखक सुनील गंगोपाध्याय ने ही मुख्यमंत्री को नाम बदलने का सुझाव दिया था. 

इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने कलकत्ता का नाम कोलकाता किया. कलकत्ता का नाम बदलने पर उस समय काफी विरोध हुआ लेकिन तब से लेकर अब तक इस शहर को कोलकाता के नाम से जाना जाता है.

नहीं मनाया जाता कलकत्ता का जन्मदिन
कलकत्ता की स्थापना 24 अगस्त 1686 को मानी जाती है लेकिन इस दिन कलकत्ता का स्थापना दिवस मनाया नहीं जाता है. दरअसल, 2003 में कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायक की गई.

इस याचिका में कहा गया कि किसी एक व्यक्ति को कलकत्ता शहर की स्थापना का क्रेडिट नहीं दिया जा सकता. उस समय 5 सदस्यों का एक आयोग भी गठित हुआ. कलकत्ता की स्थापना को लेकर कई दस्तावेज पेश किए गए.

हाईकोर्ट के फैसले में 24 अगस्त को कलकत्ता का स्थापना दिवस नहीं माना गया. साल 2003 से पहले तक 24 अगस्त को ही कलकत्ता का स्थापना दिवस मनाया जाता था.

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