ये शख्स जीतने के लिए नहीं हारने के लिए लड़ते हैं चुनाव, बनाना चाहते हैं रिकॉर्ड

आगरा में नामांकन के पहले दिन एक ऐसे प्रत्याशी ने पर्चा खरीदा है जो सिर्फ हारने के लिए एक दो बार नहीं बल्कि 93 बार अलग-अलग चुनाव लड़ चुका है.

विधानसभा चुनाव 2022
gnttv.com
  • आगरा ,
  • 15 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:07 AM IST
  • ये शख्स 93 बार चुनाव लड़ चुके हैं और आजतक एक भी बार नहीं जीते हैं.
  • उनका कहना है कि वो हारने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं.

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. 403 विधानसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में इस बार 7 चरणों में चुनाव होंगे. राज्य में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे. वहीं 10 मार्च को मतगणना होगी. एक तरफ जहां यूपी में दल बदल का दौर जारी है. इस बीच उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है. प्रत्याशी जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने में लगे हैं, पर आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आगरा जिले में एक प्रत्याशी ऐसा भी है जो हारने के लिए चुनाव लड़ता है.  जी हां, इस प्रत्याशी की हसरत भी हारने का शतक बनाने की है. 

आगरा में विधानसभा चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. ऐसे में आगरा में विधानसभा चुनाव में एक अजब गजब प्रत्याशी ने नामांकन का पर्चा भरा है. हस्नू राम अंबेडकरी नाम के ये शख्स 93 बार चुनाव लड़ चुके हैं. वो इस बार खेरागढ़ और आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से नामांकन कर रहे हैं. नामांकन के पहले दिन एक ऐसे प्रत्याशी ने पर्चा खरीदा है जो सिर्फ हारने के लिए एक दो बार नहीं बल्कि 93 बार अलग-अलग चुनाव लड़ चुका है. खेरागढ़ के नगला दूल्हे के रहने वाले हस्नू राम अंबेडकरी 75 साल के हो चुके है लेकिन चुनाव लड़ने और किस्मत आजमाने का उनका जज्बा आज भी देखते ही बनता है.  

 हस्नू राम अंबेडकरी (फोटो क्रेडिट-सोशल मीडिया)

1985 से शुरू किया था चुनाव लड़ना

हस्नू राम अंबेडकरी ने 1985 से चुनाव लड़ना शुरू किया था लेकिन वो आजतक एक भी चुनाव नही जीत पाए हैं. हस्नू राम अंबेडकरी राष्ट्रपति, विधायक, सांसद, ब्लाक प्रमुख, पार्षद, ग्राम पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ चुके हैं. इस बार भी वो खेरागढ़ और आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर अपनी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में पर्चा दाखिल कर चुके हैं. हस्नू राम अंबेडकरी का कहना है कि वह जीतने के लिए नहीं हारने के लिए चुनाव लड़ते हैं. वह चुनाव में हार का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं.  

हारने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं

75 साल के हस्नू राम आंबेडकरी 94वीं बार निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए शुक्रवार को कलक्ट्रेट में पर्चा लेने पहुंचे. अलग-अलग पदों पर 93 बार चुनाव हारने के बाद भी हस्नू राम का हौसला बरकरार है. उनका कहना है कि मैं जीतने के लिए नहीं हारने के लिए चुनाव लड़ता हूं. अब तक 93 चुनाव लड़ चुका हूं. उनका कहना है कि वो 100 बार हारने का रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं.  उन्होंने बताया कि मैंने कभी किसी चुनाव में एक रुपया खर्च नहीं किया. उन्होंने एक बार राष्ट्रपति पद के लिए भी नामांकन किया था, लेकिन पर्चा निरस्त हो गया था.

(अरविंद शर्मा की रिपोर्ट) 

 

 

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