पूरी दुनिया में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. यूके और यूएस जैसे देश इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं. देश में कोविड -19 के मामलों में वृद्धि के शुरुआती संकेतों के साथ-साथ ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए, केंद्र ने मंगलवार को सभी राज्य सरकारों को इसके संक्रमण को रोकने के उपायों के बारे में बताते हुए एक पत्र लिखा. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने अपने पत्र में किसी भी पॉसिबल ऑउटब्रेक को रोकने के लिए लोकल लेवल कंटेनमेंट पर जोर दिया.
लोकल लेवल पर लिया जाए इफेक्टिव डिसीजन
भूषण ने लिखा, “जिला स्तर पर कोविड-19 से प्रभावित आबादी, जियोग्राफिकल स्प्रेड, अस्पताल के बुनियादी ढांचे और इसके उपयोग, मैनपॉवर, कंटेनमेंट जोंस को नोटिफाई करने, कंटेनमेंट जोंस की परिधि को लागू करने आदि के बारे में आ रहे आंकड़ों की निरंतर समीक्षा होनी चाहिए.”
“ये एविडेंस जिला स्तर पर इफेक्टिव डिसीजन लेने का आधार होना चाहिए. इस तरह की रणनीति यह सुनिश्चित करती है कि राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने से पहले संक्रमण स्थानीय स्तर पर ही रोक दिया जाए."
10 प्रतिशत से अधिक टेस्ट पॉजिटिविटी रेट होने पर लगाएं प्रतिबंध
इसके अलावा, उन्होंने एक फ्रेमवर्क तैयार किया जिसका उपयोग राज्य और केंद्र शासित प्रदेश किसी भी जिले में लगाए जाने वाले प्रतिबंधों पर निर्णय लेने के लिए कर सकते हैं. भूषण ने कहा कि यदि किसी जिले में पिछले सप्ताह में 10 प्रतिशत या उससे अधिक की टेस्ट पॉजिटिविटी दर्ज की गई है या ऑक्सीजन बेड या आईसीयू बेड पर बेड ऑक्यूपेंसी 40% या उससे अधिक तक पहुंच गई है, तो राज्य कोविड -19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध लगा सकते हैं.
देश में ओमिक्रॉन के 200 से अधिक मामले
उन्होंने उल्लेख किया कि शुरुआती एविडेंस से पता चलता है कि ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तीन गुना अधिक संक्रामक है. इसके अलावा, डेल्टा वेरिएंट अभी भी देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद है. बता दें भारत में अब तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 200 से अधिक मामलों का पता चला है. महाराष्ट्र और दिल्ली में ओमिक्रॉन के 54 मामले दर्ज किए गए, जबकि तेलंगाना में 20 मामले, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 18, केरल में 15 और गुजरात में 14 मामले दर्ज किए गए हैं.