आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत केंद्र दो डिजिटल हेल्थ सिस्टम, आरोग्य सेतु और CoWIN को दोबारा से दूसरे तरीके से शुरू करने की योजना बना रहा है. इन हेल्थ साइट्स की शुरुआत कोरोना महामारी के प्रकोप के समय निगरानी और प्रबंधन के लिए किया गया था.
नहीं लगानी पड़ेगी लाइन
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आरएस शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार आरोग्य सेतू एप और कोविन जैसे डिजिटल प्लेटफार्म को दोबारा नए तरीके से शुरू करने की योजना बना रहा है. उन्होंने आगे कहा,“हम भारत के डिजिटल हेल्थ सालुशन का पुन: उपयोग कर रहे हैं. कोरोना ने दो अहम डिजिटल हेल्थ सॉल्यूशंस तैयार किए जिनमें से एक आरोग्य सेतु है. आरोग्य सेतु एप को 240 मिलियन डाउनलोड हैं. और चूंकि उम्मीद है कि कोरोना हमारे जीवन से बाहर हो गया है, इसलिए इस एप्लिकेशन को फिर से तैयार किया जा रहा है और अब यह भारत के डिजिटल स्वास्थ्य मुद्दों का ध्यान रखेगा. अब अगर आप किसी अस्पताल जाएंगे, तो आपको अपना पंजीकरण कराने के लिए लाइन में खड़ा नहीं होना पड़ेगा. आप स्कैन कर ओपीडी कार्ड प्राप्त कर सकते हैं.
मिलेंगे पोलियो के टीके
आरोग्य सेतु को कोरोना महामारी के समय कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग एप के रूप में लॉन्च किया गया था. इसे हेल्थ एंड वेलनेस एप्लिकेशन के रूप में फिर से लॉन्च किया गया है. CoWIN को व्यापक रूप से Covid-19 टीकाकरण की सुविधा के लिए उपयोग किया गया और अब इसका उपयोग भारत के यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम के लिए किया जाएगा. अब आप CoWIN के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पोलियो ड्रॉप जैसे अन्य 12 आवश्यक टीकों को भी खोज सकेंगे और उन्हें प्राप्त कर सकेंगे.
एक साल के अंदर हुए 2.7 मिलियन डाउनलोड
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को 27 सितंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था. लॉन्च के एक साल के भीतर, डिजिटल मिशन ने एक दिन में 2.7 मिलियन से अधिक रिकॉर्ड के साथ 10 मिलियन डिजिटल रूप से जुड़े स्वास्थ्य रिकॉर्ड के रिकॉर्ड को पार कर लिया. स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को कहा, "यह देश में स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है." बता दें कि स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री में कम से कम 150,000 स्वास्थ्य सुविधाओं को पंजीकृत किया गया है और लगभग 80,00 हेल्थ केयर प्रोफेशनल को हेल्थ प्रोफेशनल रजिस्ट्री के तहत पंजीकृत किया गया है. अब तक 7,11, 571 ABHA ऐप डाउनलोड हो चुके हैं.
भारत ने पिछले एक दशक में आधार, यूपीआई (संयुक्त भुगतान इंटरफ़ेस), इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी (know your customer),डिजिटल लॉकर इत्यादि जैसे कई डिजिटल सार्वजनिक प्लेटफॉर्म बनाए हैं, जो अपने तरीके से यूनिवर्सल हैं." यही हम स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कर रहे हैं. सेवा स्तर पर हम डॉक्टरों, दवाओं, निदान, स्वास्थ्य रिकॉर्ड आदि के लिए रजिस्ट्रियां बना रहे हैं.15 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह केंद्र शासित प्रदेशों में एबीडीएम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया था, जिसे पिछले साल बढ़ाया गया था.
हर जिले में खर्च किए 100 करोड़
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अब तक 45,294 करोड़ रुपये की राशि के कम से कम 39.5 मिलियन एडमिशन किए गए हैं, जबकि 190 मिलियन लाभार्थियों के पास आयुष्मान भारत कार्ड हैं. मंडाविया ने कहा, “पहले रोजाना 1-1.5 लाख आयुष्मान कार्ड बनते थे. अब रोजाना 4-5 लाख बनते हैं. मेरा लक्ष्य हर रोज 10 लाख कार्ड बनाने का है.” स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए हर जिले में करीब 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.