वैश्विक बाजार में फर्टिलाइजर्स की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केंद्र ने इस रबी सीजन के लिए फर्टिलाइजर सब्सिडी को 'दोगुना' कर दिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की एक बैठक में बुधवार को रबी सीजन के लिए नाइट्रोजन (एन), फॉस्फोरस (पी), पोटाश (के) और सल्फर (एस) के लिए फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) फर्टिलाइजर्स के लिए ₹ 51,875 करोड़ की सब्सिडी को मंजूरी दी गई.
केंद्रीय उर्वरक और रसायन मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि पोषक तत्व आधारित सब्सिडी के 21,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से यह राशि दोगुनी से अधिक हो गई है. बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ने बाजार में बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी में संशोधन किया है.
अब तक की सबसे ज्यादा सब्सिडी
मंडाविया ने कहा कि रबी सीजन के लिए यूरिया के लिए 80,000 करोड़ रुपये सहित कुल फर्टिलाइजर सब्सिडी 1,38,875 करोड़ रुपये होगी और रबी और खरीफ दोनों के लिए सब्सिडी राशि 2.25 लाख करोड़ रुपये होगी. यह अब तक की सबसे अधिक सब्सिडी है. पिछले साल यह ₹ 1.65 लाख करोड़ थी.
मंडाविया ने कहा कि यूक्रेन-रूस वॉर और महामारी के कारण रसद मुद्दों के कारण कमर्शियल कीमतें दोगुनी हो गई थीं, इसलिए केंद्र ने सब्सिडी को भी दोगुना करने का फैसला किया.
सब्सिडी से किसानों की काफी मदद
आपको बता दें कि डायमोनियम फॉस्फेट के एक बैग की कीमत ₹1,350 है. हालांकि, बिना सब्सिडी इसकी कीमत ₹2,650 होती. यूरिया की बात करें तो एक बैग परसब्सिडी लगभग 2,400 रुपये थी और एक बैग लगभग 266 रुपये में बेचा जा रहा था. जबकि इसका बाजार मूल्य 2,700 रुपये था. इन कम कीमतों से किसानों को फायदा मिलता है.
केंद्र ने देश में यूरिया का उत्पादन बढ़ाने के भी उपाय किए हैं. यूरिया की आवश्यकता 350 लाख मीट्रिक टन (LMT) है लेकिन देश में उत्पादन 250 LMT होता था. पर अब चार नए संयंत्र आ रहे हैं और नैनो यूरिया भी धीरे-धीरे यूरिया की जगह उपयोग होगा.