प्रयागराज महाकुंभ आने वाले श्रद्धालु देख सकेंगे चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल

लाहाबाद संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार ‘महाकुंभ के दौरान आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय महान क्रांतिवीरों की गाथा से रूबरू कराना चाहता है. इसी उद्देश्य से ये प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी.’

Chandrashekhar Azad iconic pistol
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 03 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

प्रयागराज महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु गौरवशाली इतिहास की अमर गाथाओं से भी रूबरू होंगे. महाकुंभ में अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की कॉल्ट पिस्टल को लोग देख सकेंगे. इसके लिए इस पिस्टल और क्रांतिकारियों के दूसरे हथियारों की रेप्लिका की प्रदर्शनी लगायी जाएगी. पहली बार हो रहे इस पहल का मकसद लोगों को इतिहास के बारे में जानकारी देना है. महाकुंभ स्थल पर इसके लिए जगह चिह्नित करने का काम शुरू हो गया है.

आजाद की कॉल्ट पिस्टल और अन्य हथियारों की प्रदर्शनी
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. इस बीच यूपी सरकार ने एक अहम फैसला किया है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को धर्म आध्यात्म  अनुभव के साथ भारत के गौरवशाली इतिहास की झलक भी मिलेगी. लोग यहां लगी प्रदर्शनी में क्रांतिकारियों के  हथियारों  प्रतिकृति (Replica) को देख पाएंगे जिनका प्रयोग कर आजादी की जंग क्रांतिकारियों ने बलिदानी इतिहास लिख दिया. इसमें सबसे अहम है शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की मशहूर कॉल्ट पिस्टल (colt pistol). ये पिस्टल इस समय प्रयागराज संग्रहालय की आजाद गैलरी में है.

धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव के साथ राष्ट्र प्रेम को जोड़ने के लिए पहली बार ये पहल की जाएगी. इलाहाबाद संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर डॉ. राजेश मिश्रा के अनुसार ‘महाकुंभ के दौरान आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय महान क्रांतिवीरों की गाथा से रूबरू कराना चाहता है. इसी उद्देश्य से ये प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी.’ यूपी के मुख्यमंत्री के निर्देश पर इसके लिए जगह उपलब्ध करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कुम्भ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. यूपी सरकार में अनुसार इस बार 40 करोड़ से ज़्यादा लोगों के महाकुंभ पहुंचने का अनुमान है.

आज़ादी के इतिहास में खास है ‘बमतुल बुखारा’
चंद्रशेखर आज़ाद की पिस्टल 'बमतुल बुखारा' से गोली चलने के बाद इसमें धुआं नहीं निकलता था. इसलिए, अंग्रेजों को पता ही नहीं चल पाता था कि गोलियां किधर से आ रही हैं. यह कोल्ट कंपनी की 32 बोर की हैमरलेस सेमी ऑटोमेटिक पिस्टल थी. इसमें एक बार में आठ गोलियों की मैगजीन लगती थी. आजाद की पिस्टल देखने के लिए बड़ी संख्या में इतिहास प्रेमी और पर्यटक आते हैं.

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