Chardham Yatra 2023: सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए नौ अलग-अलग भाषाओं में जारी की जरूरी हेल्थ गाइडलाइन्स, जाने यात्रा को लेकर क्या रखनी है सावधानियां

बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद चारधाम यात्रा की विधिवत शुरुआत हो गई है. चारधाम यात्रा में देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को अब अपनी स्थानीय भाषा में यात्रा से संबंधित जानकारी मिल सकेगी.

Kedarnath Dham
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

उत्तराखंड में अप्रत्याशित मौसम की स्थिति और कई तीर्थयात्रियों में दिल के दौरे के बढ़ते मामलों को देखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा से संबंधित सलाह जारी की है. उत्तराखंड में चार धाम यात्रा भारत में सबसे लोकप्रिय हिंदू तीर्थस्थलों में से एक है. यह तीर्थ चार पवित्र स्थलों की यात्रा है - बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जो हिमालय में उच्च स्थान पर स्थित है. एडवाइजरी 11 भाषाओं (तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, मराठी और उड़िया) में जारी की गई है.

इस साल चार धाम यात्रा के दौरान कार्डियक अरेस्ट से करीब नौ लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा, खराब मौसम की स्थिति ने केदारनाथ जाने वाले सैकड़ों तीर्थयात्रियों की धार्मिक यात्रा को प्रभावित किया है. सरकार की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन्स.

1. राज्य सरकार ने सलाह दी है कि यात्रा शुरू करने से पहले अनुकूलन जरूरी है क्योंकि चारधाम यात्रा में हिमालय के मंदिर 2,700 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित हैं.

2. उत्तराखंड सरकार ने तीर्थयात्रियों और ट्रेकर्स से अपील की है कि वे कम से कम सात दिनों के लिए यात्रा की योजना बनाएं, जिससे मौसम के अनुकूल होने का समय मिल सके. बार-बार ब्रेक लेने की योजना बनाएं. ट्रेक के हर एक घंटे या ऑटोमोबाइल चढ़ाई के हर दो घंटे में 5-10 मिनट का ब्रेक लें.

3. तीर्थयात्रियों को यात्रा से पहले चिकित्सा और ट्रेक की तैयारी सुनिश्चित करनी चाहिए. अधिक ऊंचाई के कारण यात्री अत्यधिक ठंड, लो ह्यूमिडिटी, एक्सट्रीम अल्ट्रावाइलेट रेडिएशन, लो एयर प्रेशर और कम ऑक्सीजन से प्रभावित हो सकते हैं. एडवाइजरी में कहा गया है, "ऊंचाई से मेडिकल समस्याएं हो सकती हैं. इसके लिए योजना बनाना, तैयारी करना और जरूरी समान को पैक करना महत्वपूर्ण है."

4. एडवाइजरी में रोजाना 5-10 मिनट तक ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें. रोजाना 20-30 मिनट टहलें.

5. यदि किसी को हृदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप या मधुमेह जैसी दिक्कत है, तो यात्रा के लिए फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य जांच करवाएं.

6. ह्रदय रोग, अस्थमा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित तीर्थयात्रियों को अपने घरेलू चिकित्सक के संपर्क नंबर के अलावा सभी मौजूदा दवाएं और जांच उपकरण साथ रखना चाहिए. एडवाइजरी के मुताबिक डॉक्टर के कहने पर यात्रा से बचें.

7. अपनी यात्रा से पहले हमेशा मौसम की रिपोर्ट जांचें, और सुनिश्चित करें कि आपके पास बेहद ठंडे तापमान में प्रबंधन के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े हैं. ऊनी स्वेटर, थर्मल, पफर जैकेट, दस्ताने, मोज़े, रेन गियर, रेनकोट, छाता और बुनियादी स्वास्थ्य जांच उपकरण जैसे पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि साथ ले जाना ना भूलें.
 
8. यदि किसी तीर्थयात्री को सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, लगातार खांसी, चक्कर आना, उल्टी, बर्फीली/ठंडी त्वचा, कमजोरी, या शरीर के एक हिस्से में सुन्नता का अनुभव होता है, तो उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सेवा संपर्क बिंदु तक पहुंचना चाहिए.

9. यात्रा के दौरान शराब, नींद की गोलियां और तेज दर्द निवारक दवाओं का सेवन प्रतिबंधित है.

10. तीर्थयात्रियों को कम से कम दो लीटर तरल पदार्थ पीना चाहिए और पूरी यात्रा के दौरान भरपूर पौष्टिक आहार लेना चाहिए.

इस सप्ताह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा के तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाओं से लैस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस बार केदारनाथ यात्रा मार्ग पर सरकार का विशेष फोकस है. यहां हर किलोमीटर पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाए गए हैं. चार धाम में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 130 डॉक्टरों को लगाया गया है.


 

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