Floating Solar Plant: छत या खेतों में नहीं बल्कि पानी पर लगेगा सोलर प्लांट, सस्टेनेबल एनर्जी की दिशा में अहम कदम

छत्तीसगढ़ के भिलाई में राज्य का पहला Floating Solar Plant लगने वाला है. यह 15 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट है और इस फ्लोटिंग सोलर प्लांट से सालाना 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन बिजली का उत्पादन होगा.

First floating solar plant in Chhattisgarh
gnttv.com
  • दुर्ग,
  • 02 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 7:45 AM IST

भारत में आजकल आपको गांव से लेकर शहरों तक, हर जगह सोलर प्लांट देखने को मिलते हैं. खेतों से लेकर घरों की छतों पर लगे सोलर प्लांट को आपने खूब देखे होंगे पर आज हम आपको बता रहे हैं पानी में तैरने वाले सोलर प्लांट के बारे में. जी हां, अब पानी में 15 मेगा वाट क्षमता के फ्लोटिंग सोलर प्लांट देखने का समय आ गया है. यह भिलाई में बनने वाला है जो छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट होगा. 

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के लौह नगरी, भिलाई नगर में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के एक परियोजना के तहत, छत्तीसगढ़ राज्य के पहले 15 मेगा वाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के लिए भिलाई के मरोदा-1 जलाशय में आधारशिला रखी गई. जिसका उद्घाटन सेल-बीएसपी के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता एवं एनटीपीसी के निदेशक (प्रचालन) तथा एनएसपीसीएल के चेयरमैन श्री रविन्द्र कुमार ने किया. 

सस्टेनेबल एनर्जी की दिशा में उपलब्धि
15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना, भिलाई इस्पात संयंत्र के ग्रीन एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत सरकार की नीति के अंतर्गत इस ऊर्जा संयंत्र की स्थापना को सस्टेनेबल एनर्जी समाधानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।

सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने एनटीपीसी-सेल सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) के साथ फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए 9 मई, 2024 को विद्युत खरीद समझौता (पीपीए) किया था. यह छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट होगा. यह परियोजना बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन को कम करने एवं ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और ऐसा अनुमान है कि इस प्लांट से सालाना 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन बिजली का उत्पादन होगा. जिसका उपयोग बीएसपी अपने कैप्टिव विद्युत जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा. इससे बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की संभावना है. इस परियोजना को ईपीसी अनुबंध के तहत मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

एक और सोलर प्लांट की योजना 
इस अवसर पर, सेल-बीएसपी के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि बीएसपी के प्लांट को इस सोलर फ्लोटिंग संयंत्र से अब ग्रीन एनर्जी मिलेगी. उन्होंने बताया कि बीएसपी के लिए सोलर एनर्जी सिस्टम प्रोजेक्ट दो चरणों में मरोदा-1 व मरोदा-2 जलाशय में पूरा किया जाएगा. उन्होंने इस परियोजना के तहत अगले चरण में एनएसपीसीएल के माध्यम से, 35 मेगावाट क्षमता वाले अतिरिक्त फ्लोटिंग सोलर प्लांट की प्रस्तावित योजना के बारे में बताया. 

भारत सरकार की नीति के तहत इस परियोजना से ग्लोबल वॉर्मिंग के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी और पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकेगा. 

(रघुनंदन पंडा की रिपोर्ट)

 

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