छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल किसानों को चोरी और साइबर धोखाधड़ी से बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ का 'धान का कटोरा' कहा जाता है क्योंकि यहां धान की खेती काफी ज्यादा होती है. फिलहाल, धान की खरीद का मौसम है और इस दौरान किसानों के साथ तरह-तरह की धोखाधड़ी हो रही है. ऐसे में, विजय अग्रवाल की कोशिश लोगों में जागरूकता पैदा करना और किसानों की मेहनत से अर्जित आय को सुरक्षित रखने में मदद करना है.
किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी
आईपीएस अधिकारी विजय अग्रवाल ने किसानों को ठगों के बारे में सावधान करने के लिए क्राइम पैटर्न का विश्लेषण किया. उन्होंने किसानों को सलाह दी की ख़रीफ़ फसलों के मार्केटिंग सीज़न के दौरान वे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन, बैंक अकाउंट और कैश को सावधानी से संभाले. छत्तीसगढ़ सरकार 3,100 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद रही है. इस कारण किसान बड़ी मात्रा में नकदी निकालने के लिए बार-बार बैंक जा रहे हैं, जिससे वे चोरों और साइबर धोखेबाजों का निशाना बन रहे हैं.
रिस्क को कम करने के लिए, अग्रवाल ने किसानों को सतर्क और सुरक्षित रहने पर जोर दे रहे हैं. किसानों को सलाह दी गई है कि वे पैसों के लेनदेन से संबंधी मदद के लिए सिर्फ खुद पर या बैंक कर्मचारियों पर भरोसा करें, अजनबियों से मदद मांगने से बचें और नकदी ले जाते समय सतर्क रहें. किसानों को यह भी समझाया गया कि अनजान लोगों के साथ बैंक की डिटेल्स, व्यक्तिगत डेटा और संवेदनशील जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए.
जरूरत पड़ने पर डायल करें 112
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, किसानों का कहना है कि एसपी विजय अग्रवाल किसान-हितैषी अधिकारी हैं... उनके प्रयासों से किसानों को यह समझ आ गई है कि धोखेबाज, या चोर कैसे काम करते हैं. पुलिस अधिकारी होने के बावजूद किसानों के साथ उनका काफी जुड़ाव है. विजय अग्रवाल लगातार किसानों का दौरा करते हैं, उनसे मिलकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं.
साथ ही, वह सोशल मीडिया अभियान, और पोस्टर और पैम्फलेट के माध्यम से जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं. इन पोस्टर्स में बताया गया है कि कैसे किसानों को धोखा दिया जा सकता है और साथ ही, किसानों को सुरक्षित रहने के तरीके के बारे में टिप्स भी दिए जा रहे हैं. किसी भी तरह की परेशानी होने पर किसानों को पुलिस नियंत्रण कक्ष या 112 डायल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.
इन कदमों को उठाकर, अग्रवाल को उम्मीद है कि वे किसानों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए सशक्त बनाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी मेहनत से कमाई गई आय सुरक्षित रहे.