Arunachal Pradesh में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच झड़प, भारत ने चीन के करीब 300 सैनिकों को पीछे धकेला

अरुणाचल प्रदेश में भारतीय-चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबर है. इस झड़प में भारत ने चीन के करीब 300 सैनिकों को पीछे धकेला.

भारत-चीन झड़प
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:16 PM IST
  • अरुणाचल में 17000 फीट की ऊंचाई पर झड़प
  • 9 दिसंबर 2022 को हुई थी झड़प

अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय पोस्ट को हटाने की ड्रैगन की साजिश को हमारे सैनिकों ने नाकाम कर दिया है. तवांग के पास यांग्स्ते इलाके में भारतीय-चीनी सैनिकों की झड़प हुई. इस झड़प में दोनों देशों के कुछ सैनिक जख्मी भी हुए. भारतीय सैनिकों ने चीन के करीब 300 सैनिकों को पीछे धकेल दिया था. ये झड़प 17000 फीट की ऊंचाई पर हुई थी. 

9 दिसंबर को हुई थी झड़प
सूत्रों के मुताबिक, ये घटना 9 दिसंबर 2022 को हुई थी. झड़प के बाद दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे थे जिसके बाद दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग भी हुई. दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी (Line of Actual control) के साथ कुछ अलग अलग क्षेत्र भी हैं. इन क्षेत्रों में दोनों देशों के सैनिक अपनी-अपनी सीमा में पेट्रोलिंग करते हैं. ये चलन साल 2006 से ही है.

भारतीय से ज्यादा चीनी सैनिक घायल
9 दिसंबर 2022 को, चीन के सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसका भारत के सैनिकों ने दृढ़ता से मुकाबला किया. इस आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के सैनिकों को मामूली चोटें आई हैं. हालांकि, इस झड़प में भारतीय सैनिकों से ज्यादा चीनी सैनिक घायल हुए. घटना के बाद की कार्रवाई के रूप में, क्षेत्र में भारतीय कमांडर ने शांति और शांति बहाल करने के लिए चीन के साथ एक फ्लैग मीटिंग भी की.

रिपोर्ट की मानें तो 300 से ज्यादा चीनी सैनिकों ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर एक चोटी की ओर बढ़ने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय सैनिकों ने चीन के इस मंसूबे पर पानी फेर दिया. रक्षा मंत्रालय का कहना है कि दोनों देश के सैनिक कुछ ही देर में घटनास्थल से पीछे हट गए थे. इस घटना में घायल 6 भारतीय सैनिकों का गुवाहाटी में इलाज चल रहा है.

ढाई साल बाद LAC पर फिर टकराव
आज से करीब ढाई साल पहले 15 जून 2000 को भारत और चीन के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में LAC पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव हुआ था. इस झड़प में भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

(मंजीत नेगी/ अभिषेक भल्ला की रिपोर्ट)

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