दिल्ली सरकार के मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. मुख्यमंत्री समेत सातों मंत्रियों को कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारियां सौंपी गईं हैं. 27 साल बाद भाजपा की सरकार दिल्ली में बनी है और उसने कई सारे महत्वपूर्ण वादे दिल्ली वालों से किए हैं. विभागों के बंटवारे के बाद समझिए कि कौन सी चुनौतियां किसके हिस्से में आई है.
दिल्ली को वित्तीय घाटे से बाहर निकालने की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (CM Rekha Gupta) ने खुद वित्त विभाग अपने पास रखा है. इसका मतलब यह हुआ कि दिल्ली की नई सरकार का पहला बजट वही विधानसभा में पेश करेंगी. दिल्ली लगातार वित्तीय तौर पर फायदे में रहती है. हालांकि मौजूदा वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, जब दिल्ली का हिसाब-किताब घाटे में चला गया है.
दिल्ली में बीजेपी ने चुनाव के दौरान जितने वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने के लिए अच्छे-खासे फंड की जरूरत होगी. दिल्ली के भीतर विकास के काम को आगे बढ़ाने के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाना होगा, जो की सब्सिडी और महिला भत्ता देने के बाद आसान नहीं होगा.
यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी
नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल को हराकर आए प्रवेश साहिब सिंह वर्मा के पास जल विभाग रहेगा. दिल्ली जल बोर्ड इसी विभाग का हिस्सा है. यानी यमुना की साफ-सफाई और साथ ही साथ पूरी दिल्ली में पीने के पानी की आपूर्ति का चुनौती भरा काम प्रवेश वर्मा पर ही होगा.
दिल्ली की पूरी कैबिनेट ने पहले ही दिन यमुना आरती में भाग लेकर यह साफ कर दिया की यमुना को प्रदूषण मुक्त करना उनके एजेंडे में सबसे ऊपर रहने वाला है. गौरतलब यह भी है कि नई सरकार के कामकाज संभालने से पहले ही वह तस्वीर भी दिखाई पड़ी थी, जिसमें यमुना की सफाई का काम शुरू होता हुआ दिखाया गया था.
दिल्ली को वायु प्रदूषण से छुटकारा दिलाना
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. खास तौर पर सर्दियों के मौसम में देश की राजधानी की हवा सांस लेने लायक नहीं होती है. मनजिंदर सिंह सिरसा नए पर्यावरण मंत्री होंगे, यानी दिल्ली की हवा साफ रहे उसकी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होगी.
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई थी. कई सारे प्रयोग के बावजूद दिल्ली में हवा साफ करने में पिछली सरकारी कामयाब नहीं हो पाई. इसलिए मनजिंदर सिंह सिरसा पर यह बड़ी जिम्मेदारी रहेगी की प्रदूषण को कैसे दूर भगाया जाए.
दिल्ली की परिवहन व्यवस्था सुधारना
दिल्ली के नए परिवहन मंत्री डॉ पंकज सिंह होंगे. सार्वजनिक परिवहन को दुरुस्त करने की बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आने वाले सालों में रहेगी. लगातार कोशिश के बावजूद दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की हालत काफी खराब है. बसों की खरीद से लेकर उनके संचालन तक पर कई गंभीर सवाल उठाए जाते रहे हैं. दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें चलनी तो शुरू हुई हैं लेकिन उनकी संख्या इतनी अधिक नहीं है कि दिल्ली की बढ़ती हुई आबादी की जरूरत को पूरा किया जाए.
दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन यानी डीटीसी भी बड़े घाटे में चल रही है. उसके घाटे को कम करने की जिम्मेदारी भी डॉक्टर पंकज सिंह पर होगी. इसके साथ ही मेट्रो फेज 4 की रफ्तार काफी धीमी चल रही है. आमतौर पर दिल्ली मेट्रो को समय से पहले अपने प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए जाना जाता था, जो पिछले कुछ सालों में पटरी से पूरी तरह उतर गया है.
पिछली सरकार के घोटाले की जांच
पिछले चुनाव में अरविंद केजरीवाल सरकार के घोटाले का मुद्दा लगातार छाया रहा. आबकारी नीति घोटाले के साथ-साथ मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में भी गड़बड़ियों की शिकायत लगातार सामने आई. इन सभी मामलों की जांच का दायित्व विजिलेंस विभाग पर है.
विजिलेंस विभाग खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने पास रखा है और इसलिए आने वाले दिनों में जितनी भी जांच पिछले सरकार के कामकाज की होगी, उसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री खुद संभालेंगी. दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट ने पहले ही दिन 14 कैग रिपोर्ट पर भी चर्चा की. बीजेपी का दवा रहा है कि इन रिपोर्ट्स में कई सारी गड़बड़ियों की चर्चा है, जिसकी जांच होनी जरूरी है. दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता इन तमाम जांच को किस तरीके से आगे बढ़ाएंगी, उसपर भी सबकी नजर होगी.
शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल को कौन बढ़ाएगा आगे
आम आदमी पार्टी सरकार ने अपनी सबसे बड़ी कामयाबी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बताया. नई सरकार से भी अब यह उम्मीद रहेगी की शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए मानक तय किए जाएं. दिल्ली की नई कैबिनेट ने पहले ही दिन केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना दिल्ली में लागू करने का फैसला किया है.
दिल्ली के नए स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर पंकज सिंह पर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने की जिम्मेदारी होगी. शिक्षा के स्तर में बदलाव लाने के लिए और खास तौर पर स्कूल की शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए नई शिक्षा मंत्री आशीष सूद पर काफी दबाव रहेगा.