भ्रामक विज्ञापनों पर अंकुश लगाने और उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत ऐसा करने वाली कंपनियों के खिलाफ 10 लाख रुपये का नोटिस और वित्तीय दंड जारी किया है. ये दिशा निर्देश इसलिए जारी किए गए हैं ताकि इस तरह के विज्ञापन के जरिए जो संदेश दिया जा रहा है उनसे शोषित या प्रभावित होने वाले उपभोक्ताओं की सुरक्षा की जा सके. खासकर इन नियमों को बच्चों को बचाने के लिए लागू किया गया है.
लग सकता है 10 लाख रुपये तक का जुर्माना
आपको बताते चलें कि इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कंपनियां स्वास्थ्य या पोषण संबंधी फायदों के बारे में झूठे दावे न करें. इसके साथ गिफ्ट्स का लालच देकर बच्चों को सामान या अपना प्रोडक्ट लेने के लिए राजी न करें. CCPA किसी भी भ्रामक विज्ञापन के लिए निर्माताओं, विज्ञापनदाताओं और एंडोर्सर्स पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है. अगर इसके बाद भी कंपनी नियमों का उल्लंघनों करती है तो ये यह जुर्माना 50 लाख रुपये तक भी लग सकता है.
दरअसल, अभी तक सीसीपीए ने 113 कार्रवाइयां की हैं, जिनमें से 57 नोटिस भ्रामक विज्ञापनों के लिए हैं, 47 नोटिस अनुचित व्यापार प्रथाओं से संबंधित हैं और नौ उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन के लिए हैं.
14 कपनियों ने लिए अपने विज्ञापन वापिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों की अतिरिक्त सचिव निधि खरे ने कहा, “नोटिस के बाद, 14 कंपनियों ने अपना विज्ञापन वापस ले लिया था, जिनमें से ज्यादातर कंपनियों ने कोविड या कीटाणुओं के खिलाफ 99 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता का दावा किया था. इसके बाद तीन कंपनियों ने सुधारात्मक विज्ञापन भी जारी किए.”
नापतोल जैसी जानी-मानी कंपनियों पर लगा है जुर्माना
भ्रामक विज्ञापनों के लिए तीन कंपनियों पर 10,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. विभाग की मानें तो जिन ब्रांडों को सीसीपीए से नोटिस मिले हैं, उनमें नापतोल भी शामिल है. दरअसल, Naaptol, अपने लाइव टीवी और YouTube प्रसारण के माध्यम से, अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अनुचित तरीकों का उपयोग कर रहा था. इसमें कहा जा रहा था कि उनका प्रोडक्ट लिमिटेड समय के लिए ही अवेलेबल है ताकि लोग प्रेशर में आकर जल्द निर्णय ले लें.
एक और विज्ञापन जिसने बिना किसी वैज्ञानिक विश्वसनीयता रिपोर्ट के अपने उत्पाद के बारे में झूठे दावे किए थे. उन्होंने अपने विज्ञापन में घुटनों के दर्द से राहत के लिए चुंबकीय घुटने का समर्थन किया था. इसमें एक्यूप्रेशर योगए चप्पल, एक्यूप्रेशर मालिश चप्पल और यहां तक कि 200 रुपये के कुछ सोने के आभूषण भी शामिल थे.
इन पर 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि तीन विज्ञापनदाताओं को विज्ञापन बंद करने का आदेश दिया गया.