दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण व हवा की गंभीर स्थिति को देखते हुए एक बार फिर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है.गैर जरूरी निर्माण व तोड़-फोड़ कार्यों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं.ग्रेप लागू करने के लिए जिम्मेदार उप समिति की बैठक में यह फैसला किया गया और एनसीआर के सभी राज्यों को इसे लागू करने के लिए कहा गया है.दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गत रविवार को 407 दर्ज किया गया.
ग्रेटर नोएडा में सबसे अधिक 410 औसत एक्यूआई
एनसीआर के अन्य शहरों का औसत एक्यूआई भी 300 से ऊपर रहा.ग्रेटर नोएडा में सबसे अधिक 410 औसत एक्यूआई दर्ज हुआ.201 से 300 तक एक्यूआई को खराब, 301 से 400 को बेहद खराब और 401 से 500 तक को गंभीर की श्रेणी में माना जाता है. दिल्ली की हवा चार नवंबर के बाद फिर गंभीर श्रेणी में पहुंची है.तब औसत एक्यूआई 447 दर्ज किया गया था.वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने 14 नवंबर को ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां हटाने का फैसला लिया था.अब 20 दिन बाद ही फिर इसे लागू करना पड़ा है.
इन सभी को किया गया है बंद
गैर अनिवार्य श्रेणी के सभी निर्माण, स्टोन क्रशर, खनन और ऐसी गतिविधियां, ईंट भट्ठे, औद्योगिक गतिविधियां, ईंधन से चल रहे हॉट मिक्सिंग प्लांट आदि. ऐसे औद्योगिक क्षेत्र जहां पीएनसी की आपूर्ति मौजूद नहीं है और अगर वे निर्धारित ईंधन का उपयोग नहीं कर रहे हैं तो उन्हें सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही चलाने की अनुमति होगी.
ये दायरे से बाहर रहेंगे
पाबंदी के दायरे से आवश्यक परियोजनाओं को बाहर रखा गया है. इसमें रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट, बस टर्मिनल, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी परियोजनाएं, अस्पताल, हाईवे, रोड, पावर ट्रांसमिशन, पाइप लाइन, सीवरेज और जलापूर्ति से जुड़े कार्य शामिल हैं. हालांकि इन जगहों पर धूल रोधी निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चत कराते हुए कार्य करने का निर्देश दिया गया है.दूध और डेयरी उत्पादों से जुड़ी इकाइयां, चिकित्सा उपकरण, दवाइयां बनाने को भी पाबंदियों से बाहर रखा गया है.
वाहनों पर सरकार ले सकती है फैसला
ग्रैप समिति ने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला सरकार पर छोड़ा है.सरकार चाहे तो बीएस तीन वाले पेट्रोल और बीएच चार वाले डीजल चार पहिया वाहनों पर पाबंदी का फैसला ले सकती है.