10 बजे रात तक खोले जाएंगे वैक्सीनेशन सेंटर, जानिए केन्द्र ने राज्यों को दी क्या सलाह

राज्यों की स्थिति की समीक्षा के बाद केंद्र ने कई सुझाव दिये हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है. जिसमें साफ किया गया है कि अभी जो हालात हैं उनमें पांच से दस फीसदी मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं. लेकिन आने वाले कुछ हफ्तों में स्थिति बदल सकती है. लिहाजा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को पहले से ज्यादा पुख्ता करने की जरूरत है.

रात 10 बजे तक खोलें जाएं वैक्सीनेशन सेंटर
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:43 AM IST
  • 5 दिनों से रोजाना 1 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं
  • बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों को सुझाव दे रही है

कुछ दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने की आशंका है. लिहाजा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की जरूरत है. साथ ही केंद्र ने ये साफ किया है कि कोरोना केस बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन बेड और आईसीयू वॉर्ड के अलावा दवाओं के कितने स्टॉक को तैयार करने की जरूरत है. 

कोरोना के आंकड़े तेजी के साथ बढ़ रहे हैं. बीते 5 दिनों से रोजाना 1 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं. यानि आने वाले कुछ दिनों में ये आंकड़े बेहद तेजी के साथ बढ़ सकते है. इसी आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार राज्यों को सुझाव दे रही है. ताकि तीसरी लहर के पीक के दौरान हेल्थ सिस्टम पूरी तरह से तैयार हो सके. 

राज्यों की स्थिति की समीक्षा के बाद केंद्र ने कई सुझाव दिये हैं. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है. जिसमें साफ किया गया है कि अभी जो हालात हैं उनमें पांच से दस फीसदी मरीज ही अस्पताल में भर्ती हैं. लेकिन आने वाले कुछ हफ्तों में स्थिति बदल सकती है. लिहाजा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को पहले से ज्यादा पुख्ता करने की जरूरत है. 

केंद्र की राज्यों को सलाह

  • एक्टिव मामलों की कुल संख्या के ग्राफ की निगरानी हो
  • अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या का डाटा रोजाना तैयार हो  
  • होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की संख्या का आंकड़ा भी डेली अपडेट हो 
  • ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सपोर्ट के मरीजों की स्थिति पर रोजाना निगरानी की जाए
  • इसके साथ साथ अस्पतालों में डॉक्टरों और हेल्थवर्कर्स की स्थिति की भी समीक्षा हो  
  • वैक्सीनेशन सेंटर्स रात 10 बजे तक खोलने का भी सुझाव केंद्र ने राज्यों को दिया है

इसके अलावा राज्यों को ये भी कहा गया है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए उचित पैसे लिए जाएं. ज्यादा चार्ज लेने की स्थिति में निगरानी और कार्रवाई करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करें. ऑक्सीजन की उपलब्धता वाले बेड्स की संख्या को अपग्रेड किया जाये. 

जाहिर है तीसरी लहर के संकट से निपटने के लिए अभी से पुख्ता तैयारी करना राज्यों की ही जिम्मेदारी है. ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिले और उन्हें ऑक्सीजन से लेकर दवाओं के लिए यहां वहां भटकना ना पड़े.

 

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