अहमदाबाद शहर में लोग पार्किंग की समस्या से परेशान हैं. लेकिन इस बढ़ती समस्या के समाधान के लिए नगर निगम द्वारा सिंधु भवन रोड पर गोटिला गार्डन के पास देश का पहला स्मार्ट पार्किंग पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसमें ऐसी व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई है जिसके तहत पांच कारें पार्क की जा सकें. स्मार्ट पार्किंग की सुविधा के लिए कार चालक को अपनी कार निर्धारित स्लॉट में पार्क करनी होगी. स्मार्ट पार्किंग में पहले चार मिनट के लिए कोई शुल्क नहीं लगेगा, उसके बाद एक घंटे तक के समय के लिए एरिया के पार्किंग शुल्क के अनुसार शुल्क चुकाना पड़ेगा.
प्रोजेक्ट सफल रहा तो और जगहों पर भी शुरू होगा ये
मानेक्टेक इनोवेशन ने इस स्मार्ट पार्किंग सिस्टम को तैयार किया है. पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो अहमदाबाद शहर में जल्द ही 50 जगहों पर 10 - 10 कारों की क्षमता वाली स्मार्ट पार्किंग व्यवस्था शुरू की जाएगी. इस प्रोजेक्ट के लिए अहमदाबाद नगर निगम ने 5 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित किया है.
स्मार्ट पार्किंग में होगा मैग्नेटिक सेंसर
अहमदाबाद नगर निगम के कमिश्नर एम. थेन्नारसन ने इसके काम करने का तरीका बताया. उन्होंने कहा, “स्मार्ट पार्किंग में मैग्नेटिक सेंसर है. कार पार्क करने के बाद, लाल रंग की फ्लैप उठ जाएगी और वाहन लॉक हो जाएगा. लोक खोलने के लिए स्मार्ट पार्किंग पर दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन करते ही लॉक खुल जाएगा. कार चालक को लोक खुलने के पांच मिनट के अंदर कार निकालनी होगी वरना कार दोबारा लॉक हो जाएगी. कार लोक होने की स्थिति में लाल रंग का फ्लैप ऊंचा होगा और ऐसे में कार निकालने की कोशिश हुई तो टायर को नुकसान होने की संभावना रहेगी.
चार मिनट से भी कम समय में कार निकालनी होगी
कमिश्नर एम. थेन्नारसन ने आगे कहा, जैसे ही कार पार्किंग स्लॉट पर रखी जाएगी, पार्किंग का सेंसर चालू हो जाएगा और 4 मिनट की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी. अगर कार पार्क नहीं करनी तो चार मिनट से भी कम समय में कार निकाल लेनी रहेगी. यदि इस समय के भीतर कार को पार्किंग स्पोट से नहीं हटाया गया, तो लाल फ्लैप ऊपर उठ जाएगा और कार लोक होगी. कार को स्मार्ट पार्किंग से निकालने के लिए पीले बॉक्स पर दिए गए QR कोड को स्कैन करना होगा. कोड स्कैन होने के बाद फ्लैप फिर से नीचे चला जाएगा और कार को पार्किंग से निकाला जा सकेगा. क्यूआर कोड स्कैन होने के बाद अगर पांच मिनट के भीतर कार नहीं हटाई गई तो फ्लैप दोबारा उठ जाएगा.
(अतुल तिवारी की रिपोर्ट)