बदहाल गौशालाओं को कैसे आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है, इसकी जीती जागती मिसाल देश की राजधानी दिल्ली में मौजूद है. नजफगढ़ इलाके की एक गौशाला की छत पर लगे सोलर पैनल की वजह से इसे देश की पहली स्मार्ट गौशाला कहा जा रहा है. क्योंकि इन सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को बेचकर मिलने वाले पैसों से गौशाला में रहने वाली गायों की देखभाल बेहतर तरीके से हो पा रही है. चाहे गायों के लिए चारे का इंतजाम हो, या फिर उनके लिए दवाओं का इंतजाम.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत हो रहा काम
हालांकि, ये एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसे IGL यानी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड ने एक प्राइवेट एनर्जी कंपनी सन प्राइम एनर्जी सॉल्यूशंस के सहयोग से मिलकर नजफगढ़ इलाके की इस डाबर हरे कृष्ण गौशाला में शुरू किया. जहां 3-5 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाले सौर पैनल लगाए गए हैं. गौशाला को इससे 50 पैसे प्रति यूनिट मिलेंगे.
गौशाला को डेवलप करने की योजना
सोलर पैनल के अलावा बारिश के पानी का संचयन और गाय के गोबर से बायोगैस संयंत्र जैसे दूसरी चीजें भी शुरू करने की योजना है. ताकि इन सरकारी गौशालाओं को चलाने में पैसों की कमी आड़े ना आए.
तीन और गौशालाओं में होगी शुरुआत
इस पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखने के बाद दिल्ली की तीन और गौशालाओं में इसको शुरू करने की बात कही जा रहा है. इतना ही नहीं, देश के दूसरे राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश समेत 12 करीब प्रदेश में भी इसे शुरू करने पर विचार किया जा रहा है.