नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़, किसी की मजबूरी तो कोई डर से जा रहा घर

वीकेंड कर्फ्यू की पहली सुबह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली इस भीड़ में कोविड-19 तमाम प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती साफ दिखाई दे रही.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली ,
  • 08 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST
  • लोगों में लॉकडाउन से पहले घर पहुंचने की जल्दी है.
  • कोविड के बढ़ते मामलों को देखकर खौफ में हैं लोग.

दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली में 24 घंटे के भीतर कोविड के 17335 नए मामले सामने आए हैं. जिसके बाद अब संक्रमण दर 17.73 प्रतिशत पर पहुंच गई है. वहीं, सक्रिय मामले बढ़कर 39873 हो गए हैं. बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए दिल्ली में शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक वीकेंड कर्फ्यू लागू है लेकिन दिल्ली में आने और दिल्ली से बाहर जाने वाले लोगों की संख्या में कमी होती दिखाई नहीं पड़ रही.  

वीकेंड कर्फ्यू की पहली सुबह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली इस भीड़ में कोविड-19 तमाम प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती साफ दिखाई पड़ती है. यहां लोगों के बीच ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही लोग मास्क लगा रहे हैं. बड़ी बात यह भी है कि लोग अपने बच्चों के साथ भी ट्रैवल करने से नहीं झिझक रहे. दिल्ली में आने और दिल्ली से जाने वाले लोगों की अपनी-अपनी वजह है, हालांकि यह वजह इतनी जरूरी नहीं लगती जिन्हें टाला ना जा सके.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़

कोविड के बढ़ते मामलों का डर

टीम ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मौजूद लोगों से बात कर जानना चाहा कि आखिर क्या वजह है जो उन्हें संक्रमण की चिंता छोड़कर यात्रा करनी पड़ रही है. रफीक नाम का एक युवक अपनी पत्नी और 1 साल की बच्ची के साथ सफर करने को तैयार है. रफीक नई दिल्ली से कोलकाता जा रहे हैं. पूछने पर रफीक बताते हैं कि वह कोलकाता में ही काम करते हैं और नई दिल्ली में उनकी ससुराल है. 26 दिसंबर को दिल्ली आए थे. वह ससुराल वालों के साथ नया साल मनाने के लिए आए थे. धीरे-धीरे कोविड के मामले बढ़ने लगे डर तो लग रहा है लेकिन घर तो वापस जाना ही है. 

रोजी-रोटी कमाने की चिंता 

इसी तरह धीरज अपनी पत्नी और 2 साल की बेटी के साथ बिहार से नई दिल्ली पहुंचे हैं. धीरज बताते हैं कि वह किसी काम से अपने घर गए थे. वो दिल्ली में ही गाड़ी चलाते हैं. घर पर काम खत्म करके वह वापस अपने परिवार के साथ दिल्ली आए हैं.  धीरज का कहना है कि घर पर कब तक रहते, कामकाज तो करना ही पड़ेगा. केस तो बढ़ रहे हैं लेकिन परिवार से दूर कैसे रहते इसलिए बीवी और बच्चों को भी साथ लेकर आ गए. सफीकुल अपने परिवार के चार सदस्यों के साथ कोलकाता जा रहे हैं उनका कहना है कि दिल्ली में बढ़ते मामले परेशान कर रहे हैं ऐसे में वह अपने घर वापस जा रहे हैं अब अपने घर जाकर ही कोई काम काज करेंगे और वहीं पर दाल रोटी का इंतजाम करेंगे. 

लॉकडाउन से पहले घर पहुंचने की जल्दी 

27 साल के मोहम्मद कादिर हुसैन भी अपने 8 साथियों के साथ अपने शहर रांची वापस जा रहे हैं. कादिर को डर है कि दिल्ली में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. सरकार ने अभी कर्फ्यू लगाया है और धीरे-धीरे लॉकडाउन लगा दिया जाएगा. पिछली बार कादिर और उनके साथी लॉकडाउन में दिल्ली में ही फंस गए थे यही डर है कि इस बार वह जल्दी से अपने घर पहुंचना चाहते हैं. उनका कहना है कि वो और उनके कई रिश्तेदार चांदनी चौक में सूट की दुकान लगाते हैं. शनिवार और रविवार को वीकेंड के चलते उनकी दुकानदारी भी लगभग खत्म हो गई है ऐसे में घर जाना है सबसे बेहतर विकल्प है. 

 

 

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