दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में हनी ट्रैप गैंग के तीन शातिर सदस्य आए हैं. पुलिस ने जब इनकी काली करतूतों का कच्चा चिट्ठा खोला तो ये तीनों अपना मुंह छिपाते फिरे. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को ठगने वाले हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश किया है.
पहले से ही रहे हैं अपराधी
इस गैंग के तीन शातिर बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार कर इस गैंग का भंडाफोड़ किया है. हनी ट्रैप गैंग के इन आरोपियों की पहचान नीरज त्यागी उर्फ धीरू (उम्र 42 साल), आशीष माथुर ( उम्र 31 साल) और दीपक उर्फ सजन (उम्र 30 साल) बताई जा रही है. इनमें से दो आरोपी नीरज और दीपक पहले से बिंदापुर थाने में दर्ज एक हनी ट्रैप मामले में वांछित थे. यानी हनी ट्रैप का ये धंधा इनके लिए नया नहीं है. ये शातिर पहले से ही हनी ट्रैप सिंडिकेट को राजधानी दिल्ली में चला रहे हैं.
किस तरह ठगते थे लोगों को
हनी ट्रैप गैंग के इन तीनों शातिर बदमाशों के पास से पुलिस का फर्जी आई कार्ड मिला है. जिसका इस्तेमाल ये पीड़ितों को डराने धमकाने के लिए करते थे. पुलिस के मुताबिक आरोपी दिल्ली पुलिस के फर्जी आईडी कार्ड और वर्दी का इस्तेमाल करके भोले-भाले लोगों को ठगते थे.
किस तरह किया गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच की टीम ने मुखबिर की सूचना गुप्त सूचना के आधार पर 24 दिसंबर को मुख्य कंझावला रोड पर जाल बिछाया और आरोपियों को एक कार से गिरफ्तार कर लिया गया. क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से तीन फर्जी दिल्ली पुलिस आईडी कार्ड, एक हेड कांस्टेबल रैंक की वर्दी, एक आई-20 कार और 3 मोबाइल फोन बरामद किए हैं.
अरोपियों ने कबूला जुर्म
पुलिस ने जब इन्हें रोका तो बदमाशों ने दिल्ली पुलिस के पहचान पत्र भी दिखाए. लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम को आरोपियों पर शक हुआ, जिसके बाद सभी आरोपियों को क्राइम ब्रांच ऑफिस आने को कहा गया. पर जब उन्होंने भागने की कोशिश की तो क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें पकड़ लिया और इन शातिर बदमाशों से पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की. जिसके बाद आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया.