Cyber Frauds: 9 महीनों में 12 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड्स, हुआ 11 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान

आए दिन खबरों में हम साइबर फ्रॉड्स के बारे में पढ़ते हैं. लोगों और प्रशासन की अलर्टनेस के बावजूद साइबर क्रिमिनल्स का नेटवर्क रुक नहीं रहा है. साल 2024 में साइबर फ्रॉड से 12 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

Cyber fraud cases
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक, साल 2024 के शुरुआती नौ महीनों मे भारत साइबर फ्रॉड्स में लगभग 11,333 करोड़ रुपए गंवा चुका है. I4C गृह मंत्रालय का एक डिविजन है.  

स्टॉक ट्रेडिंग स्कैम की 2,28,094 मामलों में 4,632 करोड़ रुपए गंवाए हैं. वहीं, इंवेस्टमेंट बेस्ट स्केम्स की 1,00,360 शिकायतें दर्ज हुईं और इनमें 3216 करोड़ रुपए गंवाए. वहीं, डिजिटल अरेस्ट के 63482 मामलों में 1616 करोड़ रुपए गंवाए हैं. 

12 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड्स की शिकायतें 
सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम्स (CFCFRMS) के डाटा के मुताबिक, साल 2024 में साइबर फ्रॉड के 12 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं. और इनमें से 45% मामले साउथएशियन देश- कम्बोडिया, म्यांमार और लाओस से हैं. साल 2021 से CFCFRMS ने 30.05 लाख मामले दर्ज किए हैं जिनमें 27,914 करोड़ रुपए जा चुके हैं. 

इनमें साल 2023 में 11,31,221 मामले, साल 2022 में 5,14,741 मामले और साल 2021 में 1,35,242 मामले दर्ज किए गए. प्रशासन और पुलिस डिपार्टमेंट लगातार लोगों को साइबर फ्रॉड्स के बारे में जागरूक कर रहे हैं लेकिन फिर भी मामले आए साल बढ़ रहे हैं क्योंकि हर कुछ महीनों में ऑनलाइन ठग ठगी के नए नए तरीके निकाल लेते हैं. 

कानून में नहीं है 'डिजिटल अरेस्ट' का प्रावधान 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में अपने मन की बात प्रोग्राम में लोगो को 'डिजिटल अरेस्ट' फ्रॉड्स के बारे में चेताया. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी एजेंसी किसी भी व्यक्ति को फोन या वीडियो कॉल के जरिए इंवेस्टिगेशन के लिए संपर्क नहीं करती है. मोदी ने लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा. उन्होंने कहा, 'कानून में डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई सिस्टम नहीं है.'

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस साल साइबर धोखाधड़ी के विश्लेषण से पता चला कि चोरी का पैसा अक्सर चेक, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी), फिनटेक क्रिप्टो, एटीएम, मर्चेंट पेमेंट और ई-वॉलेट का इस्तेमाल करके निकाला जाता है. पिछले साल में, I4C ने लगभग 4.5 लाख बैंक खातों को फ्रीज किया, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर साइबर क्राइम से होने वाली कमाई को वैध बनाने के लिए किया जाता था. 

टेलीकॉम मिनिस्ट्री की मदद से, I4C ने ऑफशोर क्रिमिनल नेटवर्क को खत्म करने और भारत की डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, दक्षिण पूर्व एशिया से संचालित साइबर अपराधियों से जुड़े 17,000 व्हाट्सएप खातों को भी ब्लॉक किया है. 

 

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