Cyclone Asani: पहले आइला, अम्फान और अब असानी, इस वजह से रखे जाते हैं चक्रवातों के नाम, अलग-अलग देश देते हैं लिस्ट

Cyclone Asani: असानी सायक्लोन का असर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में दिखेगा और इसलिए इन राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है.

Representational Image (Image: Flickr)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 09 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:40 PM IST
  • Cyclone Asani को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
  • हर चक्रवात को दिया जाता है अलग नाम

बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात असानी को लेकर मौसम विभाग लगातार अलर्ट जारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि 'असानी' (Cyclone Asani) के उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ने और ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है.

पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात की वजह से उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर मंगलवार से तेज हवाएं चलने और बारिश होने की आशंका है. इन राज्यों में भी चक्रवात से सुरक्षा को लेकर सभी इंतजाम किए जा रहे हैं. 

हालांकि, इस सबके बीच एक सवाल बार-बार मन में उठता है कि आखिर इस चक्रवात का नाम असानी क्यों? जब भी कोई चक्रवात आता है तो इसका नाम पहले से ही होता है, तो सवाल है कि आखिर कैसे चक्रवात का नाम रखा जाता है और कौन यह नाम रखता है? बात अगर असानी चक्रवात करें तो यह नाम श्रीलंका ने दिया है. सिंहली भाषा में इसका मतलब 'क्रोध' होता है. 

कैसे रखे जाते हैं चक्रवातों का नाम 

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के अनुसार, किसी विशेष भौगोलिक स्थान या दुनिया भर में एक समय में एक से अधिक चक्रवात हो सकते हैं और ये एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं. इन चक्रवात के दैरान कंफ्युजन से बचने के लिए और आपदा के बारे में जागरूकता फैलाने, और सुरक्षा के इंतजाम करने के लिए हर एक उष्णकटिबंधीय तूफान को नाम दिया जाता है.

आमतौर पर, छोटे और आसानी से उच्चारण किए जाने वाले नाम रखे जाते हैं. शुरुआत में तूफानों को मनमाने नाम दिये जाते थे पर बाद में, मौसम विज्ञानियों ने एक संगठित और कुशल प्रणाली के लिए तूफानों को सूची से नाम देने का निर्णय लिया. 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों (RSMCs) में से एक है. उत्तरी हिंद महासागर के ऊपर बनने वाले चक्रवात को नाम देने का काम IMD करता है. जब तूफान की हवा की गति 62 किमी प्रति घंटे या अधिक हो जाती है, तो इसे हरीकेन/चक्रवात/टाइफून में वर्गीकृत किया जाता है.

13 देशों ने दिए हैं नाम 

सूची को वर्णानुक्रम में व्यवस्थित देशों द्वारा दिए गए नामों के अनुसार व्यवस्थित किया गया है, जो लिंग, राजनीति, धार्मिक विश्वासों और संस्कृतियों के लिए तटस्थ (न्युट्रल) हैं. एक नाम का प्रयोग सिर्फ एक बार किया जाता है.  नाम अधिकतम आठ अक्षर का हो सकता है. साथ ही यह नाम, किसी भी सदस्य देश के लिए अपमानजनक नहीं होना चाहिए या जनसंख्या के किसी भी समूह की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए. 

2020 में जारी सबसे हालिया सूची में 169 नाम हैं, जिनमें 13 देशों ने नाम दिए हैं और हर एक देश ने 13 नाम दिए हैं. इससे पहले आठ देशों ने 64 नाम दिए थे. 

भारत के जिन नामों का इस्तेमाल किया गया है उनमें गति, मेघ (बादल), आकाश शामिल हैं. अन्य नाम जो पहले इस्तेमाल किए गए हैं उनमें बांग्लादेश से ओगनी, हेलेन और फानी शामिल हैं; और पाकिस्तान से लैला, नरगिस और बुलबुल. असानी के बाद बनने वाले चक्रवात को सितरंग कहा जाएगा, जो थाईलैंड द्वारा दिया गया नाम है.

हालांकि, चक्रवात का नाम जो भी हो, इनकी तीव्रता अलग-अलग होती है. उदाहरण के लिए, चक्रवात गुलाब के कारण सितंबर 2021 में लैंडफॉल हुआ. उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और उससे सटे दक्षिण तटीय ओडिशा पर भारी बारिश हुई. लेकिन मई 2020 में आए चक्रवात अम्फान ने 80 लोगों की जान ले ली और ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में तबाही मचा दी. 

 

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