क्रिकेट पिच पर धमाल मचा रहा है कृष, सुपर हीरो की तरह कर रहा कमाल

मनीष ने भारतीय मूक-बधिर टीम के पूर्व कप्तान इमरान शेख से संपर्क किया, जो न केवल कृष को प्रशिक्षित करने के लिए सहमत हुए, बल्कि उन्हें वड़ोदरा में अपने घर पर रहने के लिए जगह भी दी. कृष ने पिछले सीजन में कई चयन मैच खेले और बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया.

कृष प्रजापति
gnttv.com
  • वड़ोदरा,
  • 06 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:28 PM IST
  • सामान्य बच्चों के साथ प्रैक्टिस करते हैं कृष
  • पिता को बचपन से कृष में दिखा था टैलेंट

महाभारत की वो कहानी तो आपको बखूबी याद होगी, जिसमें अर्जुन ने पानी में देख कर मछली की आंख पर निशाना साधा था. ये बात सतयुग की थी, और आज के समय में वैसा कर पाना किसी के बस की बात नहीं है. लेकिन अर्जुन जैसी ही एकाग्रता वड़ोदरा के इस बच्चे में है, जो ना बोल सकता है ना सुन सकता है. 16 साल के कृष प्रजापति जब गेंदबाजी करते हैं, तो सब की निगाहें सिर्फ उन पर होती हैं, और कृष की नजर केवल कप्तान के इशारों पर. वह गेंदबाजी लाइन तक चलता है, कप्तान के हाथ के इशारों को बड़े ध्यान से देखता है, और बेहतरीन गेंद डिलीवर करता है. 

सामान्य बच्चों के साथ प्रैक्टिस करते हैं कृष
टीओआई के हवाले से बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) क्रिकेट में खेलने वाले एकमात्र मूक-बधिर क्रिकेटर कृष ने कहा कि, "मैं ये बयां नहीं कर सकता कि सामान्य लड़कों के साथ प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलने में मुझे कितना मजा आ रहा है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मैं अपना बेस्ट देता हूं और केवल खेल पर ध्यान देने की कोशिश करता हूं." कृष ने आगे बताया कि, "जब मैं पिछले साल एसोसिएशन में शामिल हुआ, तो अन्य खिलाड़ियों के साथ संवाद करना और उनके निर्देशों को समझना थोड़ा कठिन था. लेकिन अब, हम एक-दूसरे को अच्छी तरह समझते हैं."

पिता को बचपन से कृष में दिखा था टैलेंट
कृष का जन्म का पाटन में हुआ था, लेकिन जब उनके पिता को लगा कि उनका बेटा क्रिकेट की दुनिया में इतिहास रचने वाला है, तो वो उसे लेकर वड़ोदरा चले आए. कृष के पिता बताते हैं कि, "कृष लगभग दो साल तक सदमे में था क्योंकि उसकी मां अंजू की कैंसर से मौत हो गई थी, जब वह सिर्फ सात साल का था. उसे क्रिकेट पसंद था, इसलिए मैंने उसका एडमिशन पाटन के एक क्रिकेट क्लब में कराया लेकिन बहुत जल्द उसे देखकर मुझे ये महसूस हुआ कि वो एक उम्दा खिलाड़ी है. हियरिंग एड लगाकर वो थोड़ा बहुत सुन सकता है, लेकिन खेलते वक्त उस मशीन का इस्तेमाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. मैनें कभी नहीं सोचा था कि वो एक सामान्य क्रिकेट टीम में खेलेगा."

मूक-बधिर टीम के पूर्व कप्तान इमरान शेख ने किया ट्रेन
मनीष आगे बताते हैं कि, "पिछले साल, मैंने उसे वड़ोदरा में शिफ्ट कर दिया, जो कि क्रिकेट की नर्सरी है. वहां उसने सिलेक्शन मैच में खेलने का मौका, ये मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं था. मनीष ने भारतीय मूक-बधिर टीम के पूर्व कप्तान इमरान शेख से संपर्क किया, जो न केवल कृष को प्रशिक्षित करने के लिए सहमत हुए, बल्कि उन्हें वड़ोदरा में अपने घर पर रहने के लिए जगह भी दी. कृष ने पिछले सीजन में कई चयन मैच खेले और बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया.

कृष ने हर मैच में विकेट चटकाए 
बीसीए के अंडर-16 कोच तुषार अरोठे ने बताया कि, "कृष ने हर मैच में विकेट चटकाए और 30-40 रन बनाए. इसलिए, मैंने जोर देकर बीसीए से कहा कि उन्हें खेलना चाहिए. कृष को कोचिंग देते समय और साथ ही खेल रणनीति पर चर्चा करते हुए उनसे संवाद करना एक चुनौती थी. लेकिन सभी टीम के सदस्यों ने उनका समर्थन किया, और कृष ने बहुत जल्द सब कुछ सीख लिया क्योंकि वो एक मेहनती और अनुशासित लड़का है."

लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है कृष
बीसीए राज्य अकादमी के कोच विनीत वाडकर ने कहा कि, "कृष के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है और वह अन्य लड़कों के साथ अच्छी तरह से जुड़ जाता है. वह लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है. अगर वो ऐसा प्रदर्शन जारी रखता है तो वह क्रिकेट की दुनिया में एक बड़ा नाम बन सकता है."


 

 

Read more!

RECOMMENDED