महाराष्ट्र: रेलवे की डेक्कन क्वीन ने पूरे किए 92 साल...अब और भी हाइटेक होगी ट्रेन

मुंबई में यात्रा करने के लिए लोकल ट्रेन सबसे आसान माध्यम है. मुंबई से पुणे जाने वाले यात्रियों की संख्या भी अधिक होती है. वही मुंबई से पुणे के लिए चलने वाली डेक्कन क्वीन पिछले 93 साल से लोगों की सेवा करती आ रही है.

Deccan Queen completes 92 years
पारस दामा
  • पुणे,
  • 01 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST
  • स्टेशन पर मनाया गया जन्मदिन
  • ट्रेन को दिया गया नया रूप

भारत के लोगों और देश के लिए भारतीय रेल का योगदान सब से महत्वपूर्ण रहा है. भारतीय रेल सेवा के चलते देश के अलग-अलग शहरों में लोग अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. भारत में रेल से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है. रेल से यात्रा करना काफी किफायती भी होता है और साथ ही ये यात्रा करने के सबसे आसान माध्यमों में से एक माना जाता है. ऐसे में भारत में कुछ ऐसी ट्रेनें भी हैं जो सालों से यात्रियों की सेवा करती आ रही हैं. 

स्टेशन पर मनाया गया जन्मदिन
मुंबई में यात्रा करने के लिए लोकल ट्रेन सबसे आसान माध्यम है. मुंबई से पुणे जाने वाले यात्रियों की संख्या भी अधिक होती है. वही मुंबई से पुणे के लिए चलने वाली डेक्कन क्वीन पिछले 93 साल से लोगों की सेवा करती आ रही है और उन्हें अपनी मंजिल तक पहुंचा रही है. इस मौके पर मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल पर डेक्कन क्वीन का जन्मदिन बनाया गया जहां इस मौके पर कुछ खास उपहार भी दिए गए.

ट्रेन को दिया गया नया रूप
जन्मदिन के मौके पर यात्रियों की सुविधा और ट्रेन की लोकप्रियता और यात्रियों की मांग को ध्यान में रखते हुए मध्य रेलवे ने डेक्कन क्वीन को नया रूप दिया है. एलएचबी कोच के साथ यह ट्रेन सीएसएमटी से आगामी 22 जून और पुणे से 23 जून को चलने लगेगी. यह ट्रेन  4 एसी चेयर कार, 8 सेकेंड क्लास चेयर कार, एक विस्टाडोम कोच, एक एसी डाइनिंग कार एवं गार्ड कम ब्रेक वैन और जेनरेटर कार के साथ चलती है. ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से एडवांस करने के लिए एलएचबी कोच में परिवर्तन किया जा रहा है. ये अत्याधुनिक कोच सुरक्षा की दृष्टी से अत्यधिक मजबूत,हल्के एवं आरामदायक होते हैं. 

1 जून 1930 को डेक्कन क्वीन  शुरू की गई थी. डेक्कन क्वीन भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन और पहली लंबी दूरी की इलेक्ट्रिक-हॉल्ड ट्रेन है. यह ट्रेन इसलिए भी खास है क्योंकि यह भारत की पहली वेस्टिबल्ड ट्रेन थी. पहले इस ट्रेन में महिला के लिए एक अलग डिब्बा निर्धारित किया गया था. वहीं यह ट्रेन पहली ट्रेन थी जिसमें भोजन यान भी था.
 

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