Project 17A : तीन साल के अंदर भारत को मिला चौथा फ्रिगेट, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोलकाता में लॉन्च किया 'दूनागिरी' युद्धपोत

तीन साल के अंदर भारत को चौथा फ्रिगेट मिल गया है. इसका नाम 'दूनागिरी' उत्तराखंड की पर्वत श्रृंखला से मिला है, जोकि आत्मनिर्भर होती नौसेना का प्रतीक माना जा रहा है. इससे कई देश में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लॉन्च किया 'दूनागिरी' युद्धपोत
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लॉन्च किया 'दूनागिरी' युद्धपोत
  • तीन साल के अंदर भारत को मिला चौथा फ्रिगेट

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यानी 15 जुलाई 2022 को कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) में 'प्रोजेक्ट 17A' फ्रिगेट के ​​तहत चौथा युद्धपोत लॉन्च किया. इससे भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही इतने कम समय में चौथे जहाज का लॉन्च होना आत्मनिर्भर होती नौसेना का प्रतीक माना जा रहा है. 

उत्तराखंड की पर्वत श्रृंखला से मिला नाम 

इसका नाम उत्तराखंड राज्य में एक पर्वत श्रृंखला के नाम पर 'दूनागिरी' रखा गया. P17A परियोजना के तहत यह चौथा जहाज है. P17A फ्रिगेट्स को बेहतर स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस किया गया है. 

P17A फ्रिगेट 'दूनागिरी' पूर्ववर्ती 'दुनागिरी', लिएंडर क्लास ASW फ्रिगेट का पुनर्जन्म है, जिसने 33 सालों (05 मई 1977 से 20 अक्टूबर 2010) तक देश की सेवा की. साथ ही विभिन्न चुनौतीपूर्ण संचालन और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में साथ दिया. 

इससे पहले तीन जहाज किए गए थे लॉन्च 

इससे पहले, P17A प्रोजेक्ट के तहत पहले दो जहाजों को 2019 और 2020 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) और GRSE में लॉन्च किया गया था. तीसरा जहाज को उदयगिरी में इस साल मई में एमडीएल में लॉन्च किया गया. 

खास बात यह है कि इतने कम समय के अंदर चौथे जहाज को लॉन्च कर दिया गया है. यह आत्मनिर्भर जहाज निर्माण की दिशा में दिए गए प्रोत्साहन का प्रमाण है. 

P17A जहाजों का महत्व

P17A वर्ग के तहत निर्मित जहाजों को भारतीय नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय (DND) द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है, जो कई स्वदेशी युद्धपोतों के कई वर्ग के सफलतापूर्वक डिजाइन का नेतृत्व करता है. 

प्रोजेक्ट 17A प्रोजेक्ट में सात उन्नत गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट का विकास शामिल है, जिनमें से चार मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और बाकी तीन जहाजों को जीआरएसई ने बनाया है. 

भारत में पर्वत श्रृंखलाओं के नाम पर जहाजों का नाम नीलगिरि, हिमगिरी, उदयगिरि, दूनागिरी, तारागिरी, विंध्यगिरि और महेंद्रगिरि रखा गया है. 

युवाओं को रोजगार 

रोजगार के मोर्चे पर, यह परियोजना देश में 2,000 से अधिक कंपनियों और एमएसएमई के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी. 

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