देवी योगिनी की एक प्राचीन मूर्ति ब्रिटेन से जल्द भारत वापस भेजी जाएगी. ये मूर्ति उत्तर प्रदेश के एक मंदिर से 40 साल पहले चोरी हो गई थी. यह मूर्ति आठवीं शताब्दी की बताई जाती है जोकि 1970 के दशक के अंत में या 1980 के दशक की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के लोखारी गांव स्थित एक मंदिर से चोरी हो गई थी.
लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने पुष्टि की है कि प्राचीन मूर्ति को भारत वापस भेजे जाने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. इस बारे में बात करते हुए व्यापार एवं आर्थिक मामलों के प्रथम सचिव जसप्रीत सिंह सुखीजा ने कहा, ‘‘लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग योगिनी की मूर्ति को वापस ले जाने के लिए सभी प्रयास कर रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और हम कलाकृति को वापस ले जाने के अंतिम चरण में हैं. क्रिस मारिनेलो और श्री विजय कुमार ने कुछ महीने पहले कलाकृति की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. योगिनी की मूर्ति जल्द ही उच्चायोग को सौंपी जाएगी और आप जल्द ही इसका पूर्ण वैभव बहाल होते देखेंगे.’’
घर की चीजें बेचती हुई महिला के पास मिली मूर्ति
आर्ट रिकवरी इंटरनेशनल’ संस्था के संस्थापक मारिनेलो को यह मूर्ति तब मिली थी जब ब्रिटेन में एक महिला अपने पति के निधन के बाद अपने घर की चीजें बेच रही थी. इसके बाद मारिनेलो ने गैर-लाभकारी संस्था इंडिया प्राइड प्रोजेक्ट के सह-संस्थापक विजय कुमार से संपर्क किया जो भारत से चुराई गईं सांस्कृतिक वस्तुओं की पुनर्प्राप्ति के लिए समर्पित है. जिसके बाद उन्होंने उस मूर्ति की पहचान उत्तर प्रदेश से लापता योगिनी के रूप में की
मारिनेलो ने बताया, "मैंने मूर्ति के मालिक से उसे बिना किसी शर्त वापस देने के लिए कहा. मूर्ति की मालकिन बहुत सहयोगी थीं." थोड़े समय के लिए मूर्ति लंदन में मारिनेलो के गृह कार्यालय में रखी गयी थी. योगिनी की अपने देश में वापसी की यात्रा लंबी रही है, 30 साल पहले इसे नीलामी के लिए भी लाया गया था.