दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रविवार को खतरनाक श्रेणी के बेहद करीब पहुंच गया, जिसके चलते दिल्ली वासियों की समस्याएं बढ़ गई हैं. सुबह 11 बजे तक AQI 377 रिकॉर्ड किया गया, और आने वाले दिनों में इसकी स्थिति और गंभीर होने की संभावना जताई जा रही है. इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटरोलॉजी के अनुसार, दिल्ली की एयर क्वालिटी जल्द ही 'सीवियर' अर्थात खतरनाक श्रेणी में आ सकती है. एक्यूआई का स्तर जब 400 से ऊपर जाता है, तब इसे खतरनाक माना जाता है.
AQI पहुंचा 400 पार
दिल्ली के 40 स्टेशनों पर AQI की नियमित रूप से निगरानी की जाती है, जिनमें से कई स्थानों पर सूचकांक पहले ही 400 के पार जा चुका है. द्वारका, रोहिणी, अशोक विहार, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, मुंडका और लाजपत नगर में AQI 400 से अधिक हो गया है. आनंद विहार में रविवार सुबह 11 बजे AQI 437 और लाजपत नगर में 432 रिकॉर्ड किया गया, जो दिल्ली के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य संकट का संकेत है.
एनसीआर में भी स्थिति चिंताजनक
दिल्ली से सटे इलाकों की स्थिति भी चिंताजनक है. नोएडा में AQI 312, गाजियाबाद में 300 और गुरुग्राम में 270 दर्ज किया गया. यह स्थिति उनह पायदानों पर अभी भी चिंतन की आवश्यकता को इंगित करती है, जहां जहरीली हवा का स्तर सामान्य जीवन को प्रभावित कर सकता है.
पिछले दिनों दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण में सबसे ज्यादा भूमिका आसपास के राज्यों में चलने वाली पराली की वजह से दिखा. शुक्रवार को तो दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली का कंट्रीब्यूशन 35% से अधिक हो गया था लेकिन 2 नवंबर को यह घटकर 15% रहने का ही अनुमान है. यानी हवा की गुणवत्ता जो प्रभावित हुई है उसके लिए ज्यादातर कारक दिल्ली के अपने ही हैं.
रखें इन बातों का ख्याल
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से बचने का सबसे बड़ा उपाय यही है कि अगर बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें. घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें.
अगर बहुत जरूरी है तो मास्क पहनकर बाहर जाएं. सुनिश्चित करें कि आपका मास्क बेहतर क्वालिटी का हो जो प्रदूषण से संपर्क में आने से आपको बचाएं.
प्रदूषण का स्तर खराब होने पर बाहर व्यायाम करने से बचें. जब हवा खराब हो, तो अपना वर्कआउट घर के अंदर करें.
अपने घर में कम से कम ऊर्जा का इस्तेमाल करें. बिजली और ऊर्जा के अन्य स्रोतों का उत्पादन वायु प्रदूषण पैदा करता है. ऊर्जा के उपयोग को कम करके आप वायु गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं.
लकड़ी या कूड़ा-कचरा न जलाएं. ऐसी चीजों को करने से बचें जो वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं.
सुबह के समय सैर करने से बचें. आप शाम के समय या फिर घर के अंदर ही वॉक कर सकते हैं.
प्रदूषण में अगर बाहर जाते हैं तो स्मोकिंग करने से परहेज करें.
बाहर निकलें तो हमेशा फुल स्लीव्स कपड़े पहन कर ही निकलें. प्रदूषण के कारण आपको रैशेज, खुजली या जलन की समस्या हो सकती है.