जिस लेन में रोजाना ऑटो टैक्सी की लंबी कतारें लगी होती थीं, आज वहां सन्नाटा पसरा है. दिल्ली में 95 हजार ऑटो और तकरीबन 9000 टैक्सी चलती हैं. आज सब बंद हैं. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए दिल्ली में ऑटो, टैक्सी और कैब ड्राइवर्स एसोसिएशन के सदस्य सोमवार से दो दिनों की हड़ताल पर हैं.
दरअसल, दिल्ली की ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन 18 और 19 अप्रैल को दिल्ली में हड़ताल कर रही है. इन दो दिनों में बड़ी संख्या में ऑटो और कैब नहीं चलेंगी.
अगर मांगे नहीं मानी जाती हैं तो आगे भी जारी रहेगी हड़ताल
टैक्सी और ऑटो ड्राइवर का कहना है कि लगातार चेतावनी के बावजूद भी राज्य और केंद्र सरकार ने अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला है. उनका कहना है कि ये हड़ताल 2 दिन तक चलने वाली है और इस दौरान मांगें नहीं मानी जाती हैं तो ये जारी रहेगी.
हालांकि, टैक्सी और ऑटो ड्राइवर्स ने यात्रियों से भी माफ़ी मांगी है. उन्होंने कहा, “हम परेशानी झेल रहे यात्रियों से माफी मांग रहे हैं, मगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा गुजर बसर मुश्किल हो जाएगा.”
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती मांगों को लेकर लिखा था CM को पत्र
आपको बता दें, 30 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ऑटो एंड टैक्सी एसोसिएशन ने पत्र लिखकर अपनी मांगों पर प्रकाश डाला था. इसमें सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी के लिए कहा गया था. जिसके बाद सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसीलिए ऑटो और कैब ड्राइवर्स ने दो दिनों तक विरोध प्रदर्शन करने और अब हड़ताल पर जाने का फैसला किया.
35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी दे सरकार
एएनआई के हवाले से दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के जनरल सेक्रेटरी राजेन्द्र सोन ने कहा, “हम नहीं चाहते कि किराया बढ़े, क्योंकि इससे आम लोगों की जेब भी प्रभावित होगी. हमारी एकमात्र मांग यह है कि सरकार ईंधन की कीमत न बढ़ाए और हमें सीएनजी की कीमतों पर सब्सिडी दें. हम मांग करते हैं कि सरकार सीएनजी की कीमतों पर 35 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी प्रदान की जाए."
(इनपुट- सुशांत)