दिवाली और होली के बाद सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्यौहार क्रिसमस है. भारत के सभी राज्यों में क्रिसमस सेलिब्रेट किया जाता है. बच्चे हों या बूढ़े सभी इस त्योहार को खुशियों के साथ मनाते हैं. क्रिसमस की खास बात होती है क्रिसमस ट्री. हरे रंग के असली और नकली पेड़ों को क्रिसमस ट्री के तौर पर घर में रखा जाता है. इस पर बेल्स, सॉक्स, रंगबिरंगी लाइट्स और टॉफी-चॉकलेट्स आदि से सजाया जाता है. मगर होटल ली मेरीडियन में एक अनोखा मिट्टी के मटको और गुल्लकों से बनाया गया क्रिसमस ट्री लगाया गया है.
क्या है थीम?
इस क्रिसमस ट्री को बनाने के लिए गुल्लक और घड़े का इस्तेमाल किया गया है. इसका आकर क्रिसमस ट्री के जैसा ही दिया गया है. ये क्रिसमस ट्री 2000 से ज्यादा मिट्टी के घड़ों और गुल्लकों से बना है. उत्तम नगर के कुम्हारों ने इसे बनाया है. Le meridian ने वोकल फॉर लोकल की सोच के साथ इस मिट्टी के क्रिसमस ट्री को बनवाया है. कुम्हारों की बिक्री अक्सर दिवाली के त्योहार पर होती है. बाकी त्योहारों में उन पर बहुत ज्यादा काम नहीं होता. ऐसे में सभी त्योहारों में लोकल कारीगरों के पास काम रहे इस सोच के साथ क्रिसमस पर हटके एक मिट्टी का क्रिसमस ट्री बनाया गया है.
विदेशी मेहमानों को पसंद आ रहा
वहीं होटल में आए विदेशी मेहमानों को भी ये अनोखा क्रिसमस ट्री खूब पसंद आ रहा है. पारंपरिक क्रिसमस ट्री को हरे पेड़ से सजाकर बनाया गया है. मिट्टी से बना हुआ यह अनोखा क्रिसमस ट्री बेहद खूबसूरत है. इस समय नए साल और क्रिसमस के मौके पर सभी होटल्स और टूरिस्ट प्लेस रंग-बिरंगी और चमकीली लाइटों से सजे हुए हैं.