Delhi Matka Man: 76 साल के नटराजन 8 साल से लोगों की बुझा रहे हैं प्यास, जानें दिल्ली के मटका मैन की कहानी

दिल्ली के पंचशील पार्क के 76 साल के अलगरत्तम नटराजन सड़कों पर लोगों को पानी पिलाते हैं. नटराजन पिछले 8 साल से गर्मी से परेशान लोगों के लिए पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. दिल्ली में उनको मटका मैन के नाम से जाना जाता है.

Delhi Matka Man
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:26 PM IST

उत्तर भारत में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है. पारा 40 डिग्री के आसपास है और गर्मी का आलम ये है कि घर से ना निकलने की हिदायत दे रहा है. ऐसे में किसी कंस्ट्रक्शन साइट पर काम कर रहा मजदूर, रिक्शेवाला, रेहड़ी-पटरीवाला या फिर दिन की दोपहरी में सड़कों पर चलने वाले लोगों के लिए ठंडा पानी किसी वरदान से कम नहीं है.

अगर भीषण गर्मी में सड़क के किनारे ठंडा पानी मिल जाए तो आत्मा तृप्त हो जाती है. दिल्ली के मटका मैन ने इस जरूरत को पूरा करने का बीड़ा उठाया है. पंचशील पार्क के 76 साल अलगरत्तम नटराजन को मटका मैन के नाम से जाना जाता है. नटराजन पिछले 8 सालों से सड़कों पर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं.

मटका मैन की कहानी-
अलगरत्तम नटराजन का कहना है कि बहुत लोगों को देखा है, रिक्शावाले और सभी लोगों को देखा है. इसके पहले मैं क्रीमेशन करते थे, सो वहाँ देखा, हर जगह पानी की कमी है. तभी मैंने सोचा कि पानी में कुछ सर्विस करना है, मैंने शुरू किया. नटराजन ने 8 साल पहले इस सेवा की शुरुआत की थी और अब वे अपनी वैन में मटके भरकर दिल्ली की सड़कों पर रखते हैं.

खुद के पैसे करते हैं सेवा-
नटराजन की यह सेवा पूरी तरह से स्वयं वित्त पोषित है. वे अपने पेंशन और निवेश से इस सेवा को चलाते हैं. वे कहते हैं कि मुझे ज्यादा पैसों की नहीं जरूरत है, क्योंकि मेरा घर है, सभी हैं. नटराजन ने दिल्ली के सोलर स्पॉट्स पर मटका स्थान बनाए हैं, जिन्हें वे अपनी वैन से रिफिल करते हैं.

स्थानीय लोग नटराजन के इस नेक काम की सराहना करते हैं. स्थानीय लोग नटराजन के लिए पुरस्कार की मांग कर रहे हैं. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि मैं कहना चाहता हूँ कि सरकार की तरफ से इनको पुरस्कार दिया जाना चाहिए. नटराजन की सेवा को समाज में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है.

सेवा का जज्बा-
नटराजन और उनकी पत्नी अपने घर का 75 फीसदी हिस्सा मटके और उनके काम के लिए समर्पित करते हैं. वे कहते हैं कि गरीबी भगवान ने नहीं बनाई है, ये आपके और मेरे जरिए बनाई गई है. जब हमारे पास जो कुछ है, उसे साझा नहीं करते हैं. नटराजन का मानना है कि मानवता के नाते लोगों को शेयरिंग के भाव से चीजें देनी चाहिए.

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