दिल्ली के मंत्रियों और विधायकों की सैलरी बढ़ने वाली है. इसे लेकर दिल्ली विधानसभा में बिल पारित कर दिया गया है. इससे दिल्ली के मंत्रियों और विधायकों का वेतन और भत्ता दोगुना हो जाएगा. सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली सरकार ने मासिक वेतन वृद्धि से संबंधित बिल पारित कर दिया है. दिल्ली विधानसभा के सभी 70 विधायकों की सैलरी के अलावा विधानसाभा क्षेत्र भत्ता, सेक्रेटेरियल अलाउंस, वाहन अलाउंस और फोन अलाउंस यानी भत्ते भी इसमें शामिल हैं.
66.67 फीसदी तक बढ़ जाएगी सैलरी
इस बिल में दिल्ली के सांसदों के वेतन में 66.67 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है. विधेयक को अब राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद, विधान सभा (एमएलए) के सदस्यों को वेतन और भत्ता बढ़ जाएगा. दिल्ली के विधायक को अभी 54,000 रुपये मिलते हैं तो ये बढ़कर 90,000 रुपये हो जाएंगे.
राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आज, दिल्ली विधानसभा में मंत्रियों, विधायकों, चीफ व्हिप, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के वेतन और भत्ते बढ़ाने के लिए पांच विधेयक पारित किए हैं.पिछले 11 साल के लंबे समय के बाद अध्यक्ष और विपक्ष के नेता ने ये बिल पास किया है. अब भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा.”
दूसरे राज्यों की तुलना में कम है दिल्ली के विधायकों की सैलरी
हालांकि, एक ही बार में 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बावजूद भी दूसरे राज्यों के विधायकों की तुलना में दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह कम ही है. बता दें, हर राज्य के विधायकों की सैलरी दूसरे राज्यों के विधायकों से अलग है. तनख्वाह के हिसाब से तेलंगाना के विधायक ज्यादा अमीर हैं, जबकि सबसे कम सैलरी वाले विधायक त्रिपुरा के हैं.
चलिए जानते हैं, देश में किस राज्य के विधायकों को कितनी तनख्वाह मिलती है....
किस राज्य के विधयकों को मिलता है सबसे ज्यादा वेतन?
आपको बताते चलें कि सबसे ज्यादा वेतन तेलंगाना के विधायकों को मिलता है. उनको वेतन-भत्ते के तौर पर 2 लाख 50 हजार मिलते हैं. हालांकि तेलंगाना के विधायकों को सैलरी तो सिर्फ 20 हजार ही मिलती है, लेकिन भत्ते के रूप में 2 लाख 30 हजार और मिलते हैं. तेलंगाना के बाद सबसे ज्यादा वेतन देने वाले राज्य के तौर पर बारी आती महाराष्ट्र की यहां सैलरी और अलाउंस को जोड़ दें तो विधायकों को 2 लाख 32 हजार रुपये मिलते हैं.
चाहे उत्तराखंड छोटा सा पहाड़ी राज्य है लेकिन उसके विधायकों को तनख्वाह के तौर पर बड़ी राशि मिलती है. उत्तराखंड के विधायक वेतन-भत्ते के तौर पर हर महीने 1 लाख 98 हजार अपने घर ले जाते हैं. विधायकों को सबसे ज्यादा सैलरी देने के लिहाज से हिमाचल प्रदेश चौथे नंबर पर है. इस वक्त सैलरी और अलाउंस के तौर पर उनको 1 लाख 90 हजार मिलते हैं. वहीं पांचवें नंबर पर आता है उत्तर प्रदेश 403 सदस्यीय वाली इस विधानसभा के सदस्यों को तनख्वाह के तौर पर 1 लाख 87 हजार मिलते हैं.
इसके बाद जम्मू कश्मीर, हरियाणा, बिहार, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, गोवा, पंजाब और गुजरात की बारी आती है. जहां के विधायकों को दिल्ली के विधायकों तुलना में ज्यादा सैलरी मिलती है. लेकिन इस देश में कुछ ऐसे भी राज्य हैं जहां विधायकों को दिल्ली के जनप्रतिनिधियों की तलना में भी बेहद कम तनख्वाह मिलती है.
किस राज्य के विधयकों को मिलता है सबसे कम वेतन?
वहीं, अगर बात करें सबसे कम वेतन की तो देश में सबसे कम सैलरी देने वाले राज्य के तौर पर त्रिपुरा का नाम सबसे पहले आता है. जो अपने विधायकों वेतन-भत्ते के नाम पर हर महीने सिर्फ 34 हजार रुपये ही देता है. विधायकों को सबसे कम वेतन-भत्ते देने वाले राज्यों में त्रिपुरा के बाद नॉर्थ ईस्ट के स्टेट्स की बारी आती है. जिनमें शामिल नगालैंड के विधायकों को सैलरी और अलाउंस के तौर पर सिर्फ 36 हजार रुपये मिलते हैं. नगालैंड के विधायकों की तुलना में मणिपुर के विधायकों को एक हजार ज्यादा मिलता है. सैलरी-अलाउंस के नाम पर मणिपुर के विधायक हर महीने सिर्फ 37 हजार रुपये ही ले जाते हैं.
अगर असम की बात करें तो उसके विधायकों को 42 हजार ही तनख्वाह मिलती है. मिजोरम के विधायकों को भी कम से ही संतोष करना पड़ता है. उन्हें 47 हजार ही सैलरी और अलाउंस के तौर पर मिलता है. वहीं अरुणाचल प्रदेश का जिक्र हो तो यहां सभी 60 विधायकों को वेतन और भत्ते के नाम पर 49 हजार रुपये मिलते हैं. जबकि मेघालय की बात करें तो उनके विधायकों की भी सैलरी दिल्ली की तुलना में बेहद कम है. इस वक्त मेघायल के विधायकों को सिर्फ 59 हजार ही मिल रहे हैं.
विधायकों को और कौन सी सुविधाएं मिलती हैं?
हालांकि, सैलरी और अलाउंस के अलावा भी विधायकों को कई दूसरी सुविधाएं भी मिलती हैं. हर साल 1 करोड़ रुपये से लेकर 8 करोड़ रुपये तक की विधायक निधि के अलावा सरकारी आवास, मेडिकल सुविधा, कार्यकाल खत्म होने के बाद पेंशन भी मिलती है. इसके लिए एक व्यक्ति के साथ रेल यात्रा फ्री की भी सुविधा है.