दिल्ली सरकार नई सोलर पॉलिसी लेकर आई है. इस पॉलिसी के तहत लोग घरों की छतों पर सोलर पैनल लगा सकते हैं और अपने इस्तेमाल के लिए बिजली उत्पादन कर सकते हैं. केजरीवाल सरकार का दावा है कि इस नई पॉलिसी के लागू होने से दिल्ली में सभी परिवारों का बिजली का बिल जीरो हो आएगा. सरकार का ये भी दावा है कि इससे कमर्शियल और इंडस्ट्रियल कस्टमर्स का बिजली बिल आधा हो जाएगा. सीएम केजरीवाल का कहना है कि इस पॉलिसी के तहत अगले 3 साल में 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली हर सरकारी इमारतों पर अनिवार्य तौर पर सौर पैनल लगाना होगा.
क्या है नई सोलर पॉलिसी-
दिल्ली सरकार ने नई सौर ऊर्जा नीति 2024 जारी की है. सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत जो लोग छतों पर सोलर पैनल लगाएंगे, उनका बिजली बिल जीरो होगा. उन्होंने कहा कि इससे लोग हर महीने 700 रुपए तक की कमाई भी कर सकते हैं. सीएम ने कहा कि अब तक दिल्ली में 2016 की पॉलिसी लागू थी, यह देश की सबसे प्रगतिशील पॉलिसी थी. इस पॉलिसी ने दिल्ली में सोलर पावर की बुनियाद रखने का काम किया था.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत जो लोग सोलर पैनल खरीदने में पैसा निवेश करेंगे, वो पैसा चार साल के अंदर रिकवर हो जाएगा. सरकार ने इस पॉलिसी के तहत कई सब्सिडी का प्रावधान भी किया है.
सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल लगाना अनिवार्य-
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सोलर पॉलिसी के बारे में सारी जानकारी एक जगह उपलब्ध कराने के लिए सोलर पोर्टल बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार बिल्डिंग की छत पर 500 वर्ग मीटर का एरिया है, तो उनके लिए सोलर पैनल लगाना अनिवार्य होगा. इतने एरिया के सभी सरकारी इमारतों पर अगले 3 साल में सोलर पैनल लग जाएंगे.
पॉलिसी का क्या है मकसद-
दिल्ली सरकार की नई सोलर पॉलिसी के तहत बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी का लक्ष्य है. मार्च 2027 तक दिल्ली की कुल स्थापित सौर क्षमता को 3 गुना बढ़ाना है और इसे 4500 मेगावाट करना है. अभी सौर उत्पादन क्षमता 1500 मेगावाट है. साल 2027 तक दिल्ली की बिजली खपत का करीब 20 फीसदी सौर ऊर्जा से आएगा. इसके अलावा इस पॉलिसी के तहत गैर-सब्सिडी वाले आवासीय उपभोक्ताओं के बिजली बिल को जीरो और कमर्शियल या इंडस्ट्रियल कस्टमर्स का बिजली बिल 50 फीसदी कम करना लक्ष्य है.
ये भी पढ़ें: