राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बुधवार की शाम भयंकर कोहरा था. रात होते-होते कोहरा और घना हो गया लेकिन आधी रात के बाद मौसम ने करवट ली और धुंध छंट गया. लेकिन अगर नक्शे पर नजर डालें तो पूरे उत्तर भारत में धुंध की एक घनी सफेद चादर मौजूद रही. तो आखिरकार दिल्ली में ऐसा क्या हुआ जो आधी रात के बाद फाॅग का असर कम हो गया.
कोहरा क्यों होता है?
वैज्ञानिकों की मानें तो आमतौर पर शहरी इलाकों में कोहरा जल्दी छंटता है क्योंकि जमीन के आसपास तापमान जैसे ही बढ़ेगा कोहरा गायब हो जाएगा. आमतौर पर कोहरा होता ही इसलिए है क्योंकि सर्दियों के मौसम में एक अलग किस्म का मौसम का व्यवहार देखने को मिलता है जिसे टेंपरेचर इंवर्जन कहा जाता है. जिसमें जमीन की सतह पर तापमान कम हो जाता है और ऊपर वायुमंडलीय तापमान अधिक होता है जो कि सामान्य से उल्टा है. ऐसे में कोहरा तभी छटेगा जब या तो जमीन का तापमान अधिक हो जाए या फिर सूरज की गर्मी से कोहरे में मौजूद पानी के कारण या तो जमीन पर बैठ जाएं या फिर भाप में बदल जाए.
दिल्ली में बन गया फॉग होल
दिल्ली में आधी रात के बाद एक तो हवा की रफ्तार तेज हुई दूसरा शहरीकरण की वजह से जमीन का तापमान भी ऊपर चला गया. दिल्ली और आसपास के इलाकों में बहुत सारी ऐसी बिल्डिंग हैं जो जल्दी गर्म हो जाती हैं और साथ ही साथ गर्मी छोड़ना शुरू करती हैं जिसे रेडिएशन कहा जाता है. दिल्ली में इसी वजह से गर्मी के दिनों में तापमान आसपास के इलाकों से कहीं अधिक होता है और मौसम के इस व्यवहार को हीट आइलैंड इफेक्ट भी कहा जाता है. तो गर्मी में जहां मौसम के इस किस्म के बदलाव से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है वही सर्दी में भयंकर कोहरे से उसने राहत दिला दी.
अगर हम पूरे उत्तर भारत के नक्शे पर नजर डालें तो साफ दिखाई पड़ता है कि जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक कोहरे की एक घनी चादर बनी हुई है. दिल्ली के महज छोटे से इलाके में एक काले रंग का छेद नजर आता है जिसे मौसम वैज्ञानिकों की भाषा में फाॅग होल कहा जा रहा है.
(कुमार कुणाल की रिपोर्ट)