दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है. पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. दिल्ली में बाढ़ ने 45 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यमुना के पास रह रहे लोगों के घरों में पानी भर गया है. बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को रेस्क्यू करने का काम भी जारी है.
मंदिर-मस्जिद में मिली पनाह
दिल्ली के जैतपुर गड्ढा कॉलोनी इलाके में आलम ये है कि एक मंजिला मकान भी बाढ़ में डूब गए हैं. इस इलाके में लगभग 3000 लोग रहते हैं जिन्हें 12 जुलाई की रात से ही रेस्क्यू किया जा रहा है. लोगों को रात भर रेस्क्यू किया गया है जिससे उन्हें नुकसान न हो. इन लोगों को रेस्क्यू करके आसपास के कैंप में भेजा जा रहा है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए इलाके में मस्जिद में लोगों को पनाह दी गई है. वहीं मंदिर और दिल्ली के सरकारी स्कूल में भी लोगों को रहने की जगह दी गई है.
मदरसे में दिया जा रहा खाने-पीने का सामान
जैतपुर गड्ढा कॉलोनी इलाके में मदरसों में लोगों को रोका गया है. जहां रुके लोगों ने गुड न्यूज टुडे से बात करते हुए बताया कि उन्हें खाने पीने का सामान तो दिया जा रहा है लेकिन तकलीफ इस बात की है कि वो अपना कोई भी समान अपने साथ नहीं ला सके. एनडीआरएफ की टीम ने रात में ही लोगों को घरों से निकाल दिया. कुछ महिलाएं भावुक भी हो गईं. उन्होंने कहा कि उनके घर में सारा सामान पड़ा है और अब वापस जाने की कोई उम्मीद नहीं नजर आती है. मदरसे में उन्हें खाने पीने का सामान तो दिया जा रहा है लेकिन जो चीज जरूरी थी वह घर पर ही छूट गई.
इस इलाके में कुछ लोगों को दिल्ली के सरकारी स्कूल में भी रखा गया है. लोगों का कहना है कि न ही उन्हें इतना वक्त दिया गया कि वह अपने कपड़े साथ ला सके, न ही कोई जरूरत का सामान उनके पास मौजूद है. 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत गया है, स्कूल के बाथरूम में पानी तक मौजूद नहीं है. छोटे-छोटे बच्चों को पीने के लिए दूध तक नहीं दिया गया है.
90 % लोगों को रेस्क्यू गया
बीते 24 घंटे से एनडीआरएफ की टीम लगातार लोगों को रेस्क्यू करने का काम कर रही है क्योंकि इलाके में पानी इतना ज्यादा भर गया है कि अब घरों को देख पाना भी मुश्किल हो रहा है. ये इलाका रिहायशी है इस वजह से यहां बोट चलाना भी मुश्किल है लेकिन तमाम परेशानियों के बीच भी लगभग 90% लोगों को घरों से निकाला जा चुका है. एनडीआरएफ की 5 टीम मौके पर मौजूद हैं और लगातार बोट चला कर लोगों को बाहर निकाला जा रहा है.