दिल्ली के भलस्वा लैंडफिल को हरित क्षेत्र में बदलने का बड़ा अभियान शुरू हो चुका है. कभी 62 मीटर ऊंचे कचरे के पहाड़ के रूप में पहचाना जाने वाला यह 70 एकड़ का क्षेत्र अब स्वच्छता और हरियाली की ओर बढ़ रहा है. दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अब तक 5 एकड़ भूमि को खाली कर वहां पौधारोपण शुरू किया है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के नेतृत्व में इस हरित पहल को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. उत्तर पश्चिम दिल्ली के सांसद योगेंद्र चंदोलिया और मंत्री मनजिंदर सिरसा ने भी इस अभियान को समर्थन देते हुए दिल्ली को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने की प्रतिबद्धता जताई है.
दिल्ली को मिलेगी नई हरियाली
लैंडफिल क्षेत्र में बांस के पौधे लगाए जा रहे हैं क्योंकि यह अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है. यह कम पानी में जीवित रह सकता है. अब तक 2,000 बांस के पौधे लगाए जा चुके हैं और अगले कुछ महीनों में 50,000 और पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है.
प्रोजेक्ट के बारे में सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा, “यह लैंडफिल आसपास के लोगों के लिए पीड़ा का कारण बना हुआ था. हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में दिल्ली को एक आधुनिक और विकसित राजधानी के रूप में बदला जाए.” उन्होंने कहा कि आरडीएफ (Refuse-Derived Fuel) मशीनें 24 घंटे काम कर रही हैं जिससे कचरे को सड़क निर्माण सामग्री में परिवर्तित किया जा रहा है.
दिल्ली में लैंडफिल प्रदूषण के खिलाफ जंग
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने कहा कि यह पहल प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, “हमने दो साल बाद पौधारोपण फिर से शुरू किया है. कुल 54,000 बांस लगाए जाएंगे. इससे यह क्षेत्र जल्द ही एक हरी-भरी पट्टी में बदल जाएगा. यह दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है.”
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, “पिछली सरकारों ने सिर्फ कचरे के पहाड़ों की बात की लेकिन कोई ठोस काम नहीं किया. हमारी सरकार मिशन मोड में काम कर रही है और एक साल के भीतर इन कचरे के पहाड़ों की ऊंचाई कम कर दी जाएगी.”
(अनमोल नाथ बाली का इनपुट)