दिल्लीवासी भारी गर्मी का सामना कर रहे हैं. इतना ही नहीं इससे पर्यावरण को भी हर गर्मी में गंभीर संकट का सामना करना पड़ता है. प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है और शहरी पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ जाता है. इसके जवाब में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सचिवालय में अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक बुलाई. इस बैठक में शहर की पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से एक योजना की घोषणा की गई. इस योजना में 30 सरकारी विभाग और अलग-अलग एजेंसियां शामिल हैं. प्रदूषण को कम करने और शहर के हरित स्थानों को बढ़ाने के लिए उपायों को लागू किया जाएगा.
ग्रीष्मकालीन कार्य योजना में क्या क्या शामिल है?
1. वृक्षारोपण अभियान
दिल्ली की हरित रणनीति की आधारशिला एक महत्वाकांक्षी वृक्षारोपण अभियान है. दिल्ली सचिवालय में 18 जून को होने वाली बैठक में सभी उन एजेंसियों को एक साथ लाया जाएगा जो राजधानी में हरियाली को लेकर काम कर रही हैं, साथ ही वन विभाग, नोडल एजेंसी के रूप में, इस अभियान की निगरानी करेगा, जिसका उद्देश्य शहर भर में पर्याप्त संख्या में पेड़ लगाना है. यह प्रयास केवल पेड़ लगाने के बारे में नहीं है बल्कि एक स्थायी शहरी वन बनाने के लिए इन पेड़ों की देखरेख भी शामिल है.
2. वृक्ष प्रत्यारोपण को बढ़ाना
वृक्ष प्रत्यारोपण के परिणामस्वरूप अक्सर पेड़ों के जीवित रहने की दर कम हो जाती है. इससे निपटने के लिए, प्रत्यारोपित पेड़ों की जीवित रहने की दर की निगरानी और सुधार के लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा. वन विभाग इस पहल का नेतृत्व करेगा.
3. धूल प्रदूषण कम करना
दिल्ली के धूल प्रदूषण को 15 जून से 30 जून तक चलने वाले धूल विरोधी अभियान के माध्यम से टारगेट किया जाएगा. इस प्रयास में धूल को कंट्रोल रखने के लिए 85 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (MRS) मशीनें और 276 पानी छिड़कने वाले उपकरण शामिल होंगे. इसके अलावा, 13 चिन्हित हॉटस्पॉट में धूल प्रदूषण की निगरानी और समाधान के लिए 580 गश्ती दल तैनात किए जाएंगे. लोक निर्माण विभाग (PWD) और दूसरी एजेंसियां धूल प्रबंधन के लिए तत्काल कार्रवाई और दीर्घकालिक समाधान दोनों पर ध्यान देने के साथ इन पहलों पर काम करेंगी.
4. खुले में जलाने से रोकना
दिल्ली के वायु प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान देने वाले खुले में कूड़ा जलाने पर सतर्कता से निगरानी रखी जाएगी. 1269 कर्मियों वाली कुल 573 गश्ती टीमें इस प्रयास की निगरानी करेंगी. व्यापक कवरेज सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग टीमें दिन और रात में गश्त करेंगी. लैंडफिल साइटों पर आग को रोकने और मैनेज करने के लिए दिशानिर्देशों और एसओपी का पालन किया जाएगा. दिल्ली नगर निगम (MCD) और दूसरे संबंधित विभाग खुले में आग जलाने को खत्म करने के इन प्रयासों का नेतृत्व करेंगे.
5. इंडस्ट्रियल प्रदूषण पर कंट्रोल
दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्र में सबसे बड़ा मुद्दा अक्सर अवैध डंपिंग और गलत तरह के वेस्ट मैनेजमेंट का रहता है. इसे संबोधित करने के लिए, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC) की 33 टीमें वेस्ट डंपिंग को रोकने और मैनेज करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों की निगरानी करेंगी. इंडस्ट्रियल कचरे के डिस्पोजल को सुनिश्चित करने के लिए एक योजना भी बनाई जाएगी. इसमें एमसीडी और दूसरी एजेंसियों की बड़ी भूमिका रहेगी.
6. नगर वनों का विकास
सात मौजूदा शहरी वनों को पर्यावरण-अनुकूल सुविधाओं जैसे ट्रेल्स, साइकिल ट्रैक, बर्ड-वॉचिंग डेक और बहुत कुछ के साथ उन्नत किया जाएगा. इसके अलावा, दिल्ली के हरित क्षेत्र को और बढ़ाने के लिए तीन नए शहर वन प्रस्तावित हैं. वन विभाग इन विकासों की देखरेख करेगा, जिसका लक्ष्य शहरी वनों को शहर का एक अभिन्न हिस्सा बनाना है.
7. झीलों और जल निकाय बनाना
जल निकाय (Water Bodies) वातावरण में संतुलन बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. इस योजना में दिल्ली में 1367 झीलों की स्थिति की जांच और 73 जल निकायों की बहाली शामिल है. दिल्ली की झीलों और तालाबों को पुनर्जीवित करने का प्रयास भी किया जाएगा.
8. पार्कों को बनाना
दिल्ली के पार्क और गार्डन सभी के लिए जरूरी हैं. इनका विकास किया जा सके इसके लिए, 1500 पार्कों और गार्डन के रखरखाव के लिए 300 रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWAs) और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी. दिल्ली पार्क और गार्डन सोसायटी, एमसीडी और डीडीए के साथ, इन प्रयासों पर काम करेंगी.
9. ई-वेस्ट इको पार्क की स्थापना
ई-कचरा एक बढ़ती पर्यावरणीय चिंता बनने के साथ, दिल्ली में एक ई-कचरा इको पार्क विकसित किया जा रहा है. यह पार्क इलेक्ट्रॉनिक कचरे के उचित प्रबंधन और निपटान की सुविधा प्रदान करेगा. साथ ही प्रदूषण को कम करेगा और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देगा. पर्यावरण विभाग और डीएसआईआईडीसी इस सुविधा पर काम करेगी.
10. इको क्लब गतिविधियों को बढ़ावा देना
स्कूलों और कॉलेजों में इको क्लब पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस योजना में इन क्लबों की गतिविधियों का विस्तार करना शामिल है, जिसमें 2000 संस्थानों को जागरूकता अभियानों में शामिल करने का लक्ष्य है. युवाओं के बीच पर्यावरण प्रबंधन की संस्कृति को बढ़ावा देने, इन पहलों का नेतृत्व करने के लिए इको-क्लब शिक्षकों की एक कोर टीम बनाई जाएगी पर्यावरण विभाग इन शैक्षिक और आउटरीच प्रयासों को संचालित करेगा.
11. ठोस कचरे का प्रबंधन
स्वच्छ शहर के लिए नगरपालिका ठोस कचरे का प्रभावी प्रबंधन महत्वपूर्ण है. योजना में कचरे के मैनेजमेंट को लेकर सख्त निगरानी की जाएगी. इसका उद्देश्य लैंडफिल पर बोझ को कम करना है.
12. पड़ोसी राज्यों से संवाद
दिल्ली में प्रदूषण कोई अलग मुद्दा नहीं है; इसमें अक्सर आसपास के राज्यों का योगदान शामिल होता है. योजना में ईंट भट्टों, थर्मल पावर प्लांट और पराली जलाने जैसे अलग-अलग स्रोतों से होने वाले प्रदूषण को संबोधित करने के लिए एक योजना बनाने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए कहा है.