INS Mormugao: विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ भारतीय नौसेना के बेड़े में हुआ शामिल, पलक झपकते ही कर देगा दुश्मन के जहाज को तबाह

भारत में निर्मित शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक आईएनएस मोरमुगाओ रविवार को नौसेना से जुड़ गया. इसका नाम पश्चिमी तट पर स्थित गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है. इसके जुड़ने से भारत की शक्ति हिंद महासागर में और बढ़ गई है.

विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ
पारस दामा
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST
  • मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से लैस है INS Mormugao
  • 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को भेदने में है सक्षम  

मिसाइल और रॉकेट लॉन्चर से लैस है INS Mormugao रविवार को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल गया.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई में स्वदेश निर्मित मोरमुगाओ को भारतीय नौसेना को सौंपा.रक्षा मंत्री ने कहा कि इसके नौसेना में शामिल होने पर भारत की ताकत हिंद महासागर में और बढ़ गई है. उधर, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने इसे मील का पत्थर बताया.मोरमुगाओ दुश्मन के जहाज को पलक झपकते ही तबाह कर देगा. इस विध्वंसक युद्धपोत को भारतीय नौसेना के 'वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो' ने डिजाइन किया है और इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुंबई द्वारा किया गया है. आईएनएस मोरमुगाओ का नाम पश्चिमी तट पर गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर के नाम पर रखा गया है. आईएनएम मोरमुगाओ पिछले साल 19 दिसंबर को पहली बार समुद्र में उतरा था, इसी दिन गोवा में पुर्तगाली शासन से मुक्ति पाने के 60 साल पूरे हुए थे.

आईएनएस मोरमुगाओ की खूबियां 
भारत में निर्मित शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक आईएनएस मोरमुगाओ की लंबाई 163 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है और इसका वजन 7,400 टन है. जहाज चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन से लैस है और 30 समुद्री मील से अधिक की गति से चल सकता है. आईएनएस मोरमुगाओ ब्रह्मोस और बराक-8 जैसी मिसाइलों से लैस है. इसमें इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार लगा है, जो हवा में लंबी दूरी के लक्ष्य का पता लगा सकता है. 127 मिलीमीटर गन से लैस आईएनएस मोरमुगाओ 300 किलोमीटर दूर से लक्ष्य को भेदने में सक्षम है. इस पर एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम लगा है. साथ ही यह एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर से भी लैस है. 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत बनाया गया 
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इस स्वदेशी युद्धपोत को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है. यह युद्धपोत परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध लड़ने में सक्षम है. पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है. पोत 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है. नौसेना ने कहा कि पोत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है तथा पोत में रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था है. पोत आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों के दौरान लड़ने में सक्षम है. मालूम हो कि भारत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दुस्साहस के मद्देनजर हिंद महासागर पर ध्यान केंद्रित करने के साथ अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ा रहा है.


 

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