डीजीसीए ने भारत के पहले ट्रांसजेंडर ट्रेनी पायलट एडम हैरी से मेडिकल असेसमेंट के लिए नया आवेदन जमा करने को कहा है. हार्मोन थेरेपी की वजह से हैरी को अनफिट घोषित कर दिया गया था. हालांकि एडम ने केरल हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर करने का फैसला किया है. आपको बता दें 23 साल के ट्रेनी पायलट एडम को महिला वर्ग में मेडिकल टेस्ट कराने के लिए मजबूर किया गया. जबकि एडम ने खुद की पहचान पुरुष के तौर बनाई है.
DGCA ने पहले बताया था अयोग्य-
एडम हैरी ने पायलट बनने के लिए जनवरी 2020 में मेडिकल टेस्ट के लिए आवेदन किया था. लेकिन उस वक्त डीजीसीए ने एडम को अयोग्य करार दिया था. दरअसल उस वक्त एडम हैरी की हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी चल रही थी. जिसकी वजह से डीजीसीए ने एडम को अयोग्य करार दिया था. डीजीसीए के मुताबिक जब एडम ने आवेदन दिया था. उस वक्त उसकी महिला से पुरुष बनने की थेरेपी चल रही थी. इसलिए थेरेपी पूरी होने से डीजीसीए ने अस्थायी तौर पर अयोग्य घोषित किया था.
ट्रांसजेंडर को लेकर क्या कहता है नियम-
नागर विमानन महानिदेशालय के मुताबिक पायलट का लाइसेंस हासिल करने के लिए ट्रांसजेंडर्स पर कोई पाबंदी नहीं है. लेकिन इसके लिए उनको एयरक्राफ्ट रूल्स 1937 प्रावधानों का पालन करना होगा. इसके तहत आयु, शैक्षणिक योग्यता, मेडिकल फिटनेस, अनुभव संबंधी प्रावधान का पालन करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर्स को भी मेडिकल तौर पर फिट होने का प्रमाणपत्र दिया जा सकता है. लेकिन उनको कोई बीमारी, मनोरोग ना हो. डीजीसीए ने साफ किया कि महिला से पुरुष बनने की थेरेपी की वजह से किसी को पायलट बनने से नहीं रोका जा सकता.
कौन हैं एडम हैरी-
23 साल के एडम हैरी केरल के रहने वाले हैं. एडम का जन्म एक लड़की के तौर पर हुआ था. जब एडम 17 साल के थे तो उनको माता-पिता डॉक्टर के पास ले गए. इसके बाद एडम हैरी दक्षिण अफ्रीका चले गए. साल 2017 में उन्होंने जोहान्सबर्ग में लैंसरिया इंटरनेशनल एयर पोर्ट एक एविएशन एकेडमी से निजी पायलट लाइसेंस हासिल किया. साल 2019 में देश के पहले ट्रांसजेंडर ट्रेनी पायलट बने. एडम ने कमर्शियल पायलट बनने के लिए कोशिश शुरू की. इस दौरान केरल सरकार ने 23 लाख रुपए की मदद की. इसके बाद एडम हैरी ने तिरुवंतपुरम में राजीव गांधी विमानन प्रौद्योगिकी अकादमी से जुड़े.
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