Solar Powered Island in India: बिजली के मामले में आत्मनिर्भर है गुजरात का यह आईलैंड, स्वच्छ ऊर्जा से पूरी हो रही सभी जरूरतें

पीएम मोदी ने Mann ki Baat के 99वें एपिसोड में Clean Energy पर बात करते हुए दमन और दीव केंद्र प्राशासित प्रदेश के दीव जिले की सराहना की.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 27 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 1:07 PM IST
  • 50 एकड़ में फैला है सोलर पार्क
  • 9 मेगावॉट का है सोलर पार्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारित 'मन की बात' के 99वें एपिसोड में पीएम मोदी (PM Modi Mann Ki Baat) ने स्वच्छ ऊर्जा के रूप में सौर ऊर्जा के फायदों के बारे में लोगों को जागरूक किया. इस दौरान उन्होंने शत प्रतिशत सौर ऊर्जा से चलने वाले केंद्र शासित प्रदेश दीव की तारीफ की.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दीव भारत का पहला जिला बन गया है, जो दिन के समय अपनी सभी जरूरतों के लिए 100 प्रतिशत क्लीन एनर्जी का उपयोग कर रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि दीव, जो दमन और दीव में एक अलग जिला है, के लोगों ने कमाल कर दिखाया है. यहां बंजर जमीनों और कई बिल्डिंग्स की छतों पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं. 

50 एकड़ में फैला है सोलर पार्क
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दीव का 9 मेगावॉट का सोलर पार्क, 50 एकड़ में फैला है. 62.48 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया यह सौर पार्क, दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश के हिस्से दीव जिले को देश के हरित मानचित्र पर लाने में मदद कर रहा है.

दीव पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर चलने वाला भारत का पहला जिला बन गया है. यह द्वीप 50 एकड़ बंजर भूमि के साथ भारत का दसवां सबसे कम आबादी वाला जिला है जिसका उपयोग प्राकृतिक संसाधनों को ऊर्जा में बदलने के लिए आसानी से किया जा सकता है.

दीव में बिजली
साल 2018 के पहले तक, जिले को गुजरात से बिजली लेने के लिए हर महीने 80 लाख रुपये चुकाने पड़ते थे. इसके अलावा, बिजली की बड़ी हानि होती थी, क्योंकि इसे 25-30 किमी की पारेषण लाइनों के माध्यम से ले जाना पड़ता था. लेकिन अब सौर ऊर्जा ने तस्वीर बदल दी है.

साथ ही, सौर ऊर्जा के कारण अब लोगों को बिजली के भारी बिल का भुगतान नहीं करना पड़ रहा है. यहां पर लोगों को सो लर के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 1-5 किलोवाट सौर पैनल स्थापित करने के लिए 10,000-50,000 रुपये की सब्सिडी भी दी गई. इसके अलावा, दीव में विंड पावर पर भी काम हुआ है. पवन ऊर्जा का भी यहां इस्तेमाल किया जा रहा है. 

इस तरह से दीव पहला आईलैंड है जो सोलर पावर्ड है और कहीं न कहीं यह दूसरे शहरों के लिए एक मॉडल भी है. 

 

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