हर घर में इस्तेमाल होने वाला Dolo 650 घिरा विवादों में, जानिए पूरी कहानी

बुखार की दवा Dolo 650 विवादों में आ गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद पर केन्द्र सरकार को दस दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. डोलो 650 के मेकर्स पर आरोप लग रहे हैं कि ऐसा करने के लिए उन्होंने डॉक्टरों को एक हजार करोड़ रुपये के गिफ्ट्स बांटे थे.

Dolo 650 is recorded as the most prescribed medicine during the pandemic
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:36 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को डोलो के "मुफ्त उपहार मामले" को एक गंभीर मामला बताया. इस मामले में अगली सुनवाई  29 सितंबर को होगी. कोर्ट ने केन्द्र सरकार को दस दिनों में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. 

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और ए एस बोपन्ना की दो-न्यायाधीशों की बेंच ने केंद्र के वकील, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए फार्मा मार्केटिंग में एक कोड तैयार करेन के भी निर्देश दिए हैं. बता दें कि पैरासिटामोल दवा डोलो के हाल ही में हुए इस विवाद के बाद दवा कंपनी शक के घेरे में हैं. डोलो कंपनी पर इल्जाम है कि कंपनी ने बिक्री बढ़ाने के लिए दवा कंपनियों और डॉक्टरों को आकर्षक गिफ्ट्स और लालच दिया है. 

क्या है डोलो 650 विवाद

डोलो 650 वही टैबलेट है जिसे कोरोना के इलाज में बेहद कारगर बताया गया था, कोविड के दौर में इस दवा का नाम लगभग हर डॉक्टर के पर्चे पर लिखी नजर आई थी. अब डोलो 650 के मेकर्स पर आरोप लग रहे हैं कि ऐसा करने के लिए उन्होंने डॉक्टरों को एक हजार करोड़ रुपये के गिफ्ट्स बांटे थे. डोलो को  माइक्रो लैब्स लिमिडेट (Micro Labs Ltd) नाम की कंपनी बनाती है. पिछले महीने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी के 9 राज्यों में 36 परिसरों पर छापेमारी की .  

क्या दवा कंपनियां डॉक्टरों को देती हैं लालच

मिंट में छपी रिपोर्ट ये बताती है कि  कई मेडिकल प्रोफेशनल्स का कहना है कि किसी भी तरह के फाइनेंशियल इनसेंटिव वित्तीय प्रोत्साहन उन्हें किसी कंपनी की दवा लिखने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. वहीं कुछ दूसरे  मेडिकल प्रोफेशनल्स का कहना है कि फार्मा कंपनियों के मार्केट सेल्स एग्जीक्यूटिव प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टर की ज्यादा पहुंच है. और सेल्स एग्जीक्यूटिव कंपनी की नई दवा के बारे में  जानकारी देने के लिए डॉक्टरों के पास जाते हैं, और  सेल्स एग्जीक्यूटिव  डॉक्टरों से कंपनी की नई दवा  को लिखने के लिए कहते हैं बदले में  डॉक्टरों को पेन, राइटिंग पैड और किताबों के अलावा कई महंगे गिफ्ट आइटम दिए जाते हैं. 

Dolo 650 की कहानी 

जीसी सुराना ने 1973 में  माइक्रो लैब्स कंपनी की शुरूआत की थी, इसका हेडक्वार्टर बेंगलुरु में है. ये कंपनी पहले जिस दवा को बनाती थी उसका पुराना नाम Dolopar था, बाद में इसका नाम बदलकर Dolo 650 नाम दिया गया. 

 

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