डॉ. मनोज सोनी ने मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया. आयोग की वरिष्ठतम सदस्य स्मिता नागराज ने उन्हें शपथ दिलाई. आइए आज डॉ. मनोज सोनी के बारे में जानते हैं.
डॉ. मनोज सोनी का जन्म 17 फरवरी 1965 को मुंबई में हुआ था. मनोज जब 5वीं क्लास में थे तभी उनके सिर से पिता का साया छिन गया. इसके बाद घर की पूरी जिम्मेदारी मनोज के कंधे पर आ गई थी. आर्थिक स्थित ठीक नहीं होने के कारण उन्हें मुंबई की सड़कों पर अगरबत्ती बेचना पड़ा. वह किसी तरह से अपने परिवार के भरण-पोषण और खुद की पढ़ाई के लिए पैसे जुटा पाते थे.
मुंबई से परिवार संग आ गए थे गुजरात
मनोज की मां ने 1978 में मुंबई से गुजरात के आणंद जाने का फैसला किया. इसके बाद पूरा परिवार आणंद आ गया. सोनी ने 11वीं और 12वीं आणंद शहर से की है. उन्होंने सबसे पहले 12वीं साइंस संकाय में दिया था जिसमें वह फेल हो गए. इसके बाद उन्होंने राज रत्न पीटी पटेल कॉलेज में कला संकाय से पढ़ाई करने का विकल्प चुना. मनोज सोनी ने स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद वडोदरा के एमएस यूनिवर्सिटी से बीए और एमए की पढ़ाई की. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों (आईआर) की पढ़ाई की. इसके अलावा मनोज ने सरदार पटेल विश्वविद्यालय, वल्लभ विद्यानगर से इंटरनेशनल रिलेशंस की पढ़ाई पूरी की. सोनी ने दो बार यूपीएससी की परीक्षा भी दी है. पहले प्रयास में वह असफल हो गए थे. दूसरी बार में उन्होंने परीक्षा तो पास कर ली लेकिन इंटरव्यू में असफल हो गए.
सबसे कम उम्र के वाइस चांसल बने
डॉ. मनोज सोनी एमएस विश्वविद्यालय और डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय (बीएओयू) के कुलपति भी रह चुके हैं. महाराजा सायजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के कुलपति बनने के समय उनकी उम्र सिर्फ 40 साल थी. इस तरह से मनोज के नाम देश का सबसे कम उम्र में कुलपति बनने का रिकॉर्ड है.
अंतरराष्ट्रीय संबंध व राजनीति विज्ञान के हैं विशेषज्ञ
डॉ. सोनी 2017 में संघ लोक सेवा आयोग में सदस्य नियुक्त हुए थे. सोनी अंतरराष्ट्रीय संबंध व राजनीति विज्ञान के विशेषज्ञ हैं. सोनी ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर ‘इन सर्च ऑफ ए थर्ड स्पेस’ किताब लिखी थी. इस किताब में दंगे को ऐसे पेश करने की कोशिश की गई जो हिंदूवादी नजरिए में फिट बैठती थी. सोनी गुजरात फीस रेगुलेशन कमेटी के भी सदस्य रह चुके हैं.